भारत में जितनी विशिष्टता है, उतनी ही विविधता भी: PM के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा
दिल्ली: प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा ने भारत के जी-20 की अध्यक्षता संभालने को ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को उसके कद और महिमा के अनुरूप सबसे सही तरीके से प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि देश के 56 विभिन्न स्थानों पर जी-20 से जुड़ी बैठकें, वास्तव में इस आयोजन की अखिल भारतीय प्रकृति को प्रदर्शित करना भी सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता की प्रक्रिया में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें और हर एक नागरिक हितधारक है।
ज्ञात हो कि भारत ने एक दिसंबर को जी-20 की औपचारिक अध्यक्षता संभाली। इस अवसर पर जी-20 'यूनिवर्सिटी कनेक्ट : इंगेजिंग यंग माइंड्स' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि भारत में जितनी विशिष्टता है, उतनी ही विविधता भी है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम भारत की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं को दुनिया के सामने लाएं। एक बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि भारत को अपनी भूमि पर सबसे बड़े बहुपक्षीय आयोजन की मेजबानी करने का शानदार अवसर मिला है। मिश्रा ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत की विविधता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक अवसर है। विश्वविद्यालय अपने छात्रों को स्थानीय इतिहास और महत्वपूर्ण उपलब्धियों, कला के अलग-अलग स्वरूपों और क्षेत्र की अन्य सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में प्रशिक्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को बैठकों के आयोजन का हिस्सा बनाया जा सकता है और विदेशी प्रतिनिधियों का गाइड भी बनाया जा सकता है।
बड़ी संख्या में मौजूद विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि ऐतिहासिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों के अलावा विदेशी मेहमानों को प्रकृति, गांवों और स्थानीय बाजारों का भ्रमण भी कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तेजतर्रार छात्रों का चयन कर सकते हैं और उन्हें सत्रों के प्रतिवेदक के रूप में प्रशिक्षित कर सकते हैं। मिश्रा ने कहा कि विश्व अभी चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है और इस वजह से अवसर भी बने हैं तथा इनका उपयोग करते हुए ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों को अपनाने की मुहिम में भारत, विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और 'एक सौर, एक विश्व और एक ग्रिड' जैसी हमारे वैश्विक पहलों को गैर-जीवाश्म स्रोतों के माध्यम से 50 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने के लिए हमारी घरेलू प्रतिबद्धता द्वारा पूरक किया गया है। अगर हमारे जैसा देश रास्ता दिखाता है तो दुनिया को इसका पालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता उन्हें भारत के अमृतकाल में मिली है और संबंधित आयोजनों में अतिथि देवो भव: की हमारी परंपरा भी झलकनी चाहिए। ज्ञात हो कि भारत की आजादी के 75 साल से 100 वर्ष तक के आगामी सफर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमृत काल कहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्योन्मुखी कार्यों के महत्व पर जोर दिया है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा है कि इसकी जड़ें हमारी संस्कृति में हैं। उन्होंने याद किया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव की उपस्थिति में भारत ने 'मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट' (लाइफ) की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि यह लाइफ मिशन भी एक ऐसा मंत्र है जिसे भारत ने दुनिया को दिया है।