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भारत ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश को पछाड़ा, युद्धस्तर पर हो रहा ये काम!

jantaserishta.com
1 March 2022 3:04 AM GMT
भारत ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश को पछाड़ा, युद्धस्तर पर हो रहा ये काम!
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नई दिल्ली: भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों जिनमें अधिकांश छात्र हैं, को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' अभियान युद्धस्तर पर चलाया हुआ है। अन्य देश काफी पीछे हैं। यूक्रेन में 80 हजार विदेशी छात्रों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। इसके बाद मोरक्को, अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान और नाइजीरिया के छात्रों का नंबर आता है।

यूक्रेन से अभी तक भारत ने अपने सैकड़ों छात्रों को निकाला है। चीन ने छह हजार नागरिकों को निकालने में सफलता हासिल की है, लेकिन उसने अपना अभियान रोक दिया है। भारत का 'ऑपरेशन गंगा' जारी है।
अमेरिका ने वहां से 900 कर्मचारी निकाले हैं। ब्रिटेन, जर्मनी, मिस्र, मोरक्को और नाइजीरिया ने अपने नागरिकों के लिए कई परामर्श जारी किए हैं पर अलग से निकालने के इंतजाम नहीं किए। कुछ देशों ने अपने लोगों से सीमावर्ती दूसरे देशों की सीमा पर जाने को कहा है।
अमेरिका ने कहा है वह अपने नागरिकों को निकालने में सक्षम नहीं है, उनके नागरिक सीमा पार कर दूसरे पड़ोसी देशों में पहुंचे। भारत और अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए एक ही तरह की एडवाइजरी है। ब्रिटेन भी ज्यादा सपोर्ट नहीं दे रहा है। उसने अपने नागरिकों से कहा कि वह यूक्रेन की एडवाइजरी पर ही अमल करें। जर्मनी ने तो अपना दूतावास ही अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है।
केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत भारतीयों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में समन्वय के लिए चार मंत्रियों को युद्धग्रस्त देश के पड़ोसी देशों मे भेजने का सोमवार को फैसला किया। सरकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में सोमवार को यह निर्णय लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार के ये मंत्री विशेष दूत के तौर पर जाएंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया और मोल्दोवा, कानून मंत्री किरण रिजिजू को स्लोवाकिया, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी हंगरी तथा सड़क परिवहन राज्यमंत्री वीके सिंह पोलैंड में मोर्चा संभालेंगे। बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके। मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों में बदलाव किया है। यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए भारत आने के लिए कोरोना टेस्ट, टीकाकरण और एयर सुविधा पोर्टल पर पूर्व पंजीकरण की अनिवार्यता को हटा दिया है। मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
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