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चाबहार पोर्ट के काम को तेज करने का भारत ने किया फैसला, नए क्रेन से माल ढुलाई की बढ़ेगी क्षमता

Apurva Srivastav
28 Feb 2021 4:30 PM GMT
चाबहार पोर्ट के काम को तेज करने का भारत ने किया फैसला, नए क्रेन से माल ढुलाई की बढ़ेगी क्षमता
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ईरान को लेकर अमेरिका के नए प्रशासन के रुख के इंतजार के बीच भारत ने चाबहार पोर्ट के काम को और तेज करने का फैसला किया है।

ईरान को लेकर अमेरिका के नए प्रशासन के रुख के इंतजार के बीच भारत ने चाबहार पोर्ट के काम को और तेज करने का फैसला किया है। जून तक भारत की तरफ से ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह पर चार नए क्रेन लगाए जाएंगे, जिससे इसकी माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी।

चाबहार से अफगानिस्तान तक रेल मार्ग को लेकर चल रहा विमर्श
चाबहार से अफगानिस्तान के बीच रेल परियोजना का काम भी तेज करने को लेकर भारत संपर्क में है। चार मार्च को चाबहार से संबंधित एक अहम बैठक में आगे की विकास योजना की घोषणा हो सकती है।

चाबहार पोर्ट के विकास को लेकर संशय खत्म
सूत्रों के मुताबिक, चाबहार पोर्ट के विकास को लेकर जो संशय पैदा हुआ था, वह अब खत्म हो चुका है। पिछले वर्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तेहरान यात्रा ने ईरान के साथ रिश्तों में घुले तनाव को काफी हद तक खत्म कर दिया है।
चाबहार पोर्ट के विकास को लेकर बाइडन प्रशासन का रवैया रहेगा सकारात्मक
भारत को भरोसा है कि चाबहार पोर्ट के विकास को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन का रवैया भी सकारात्मक रहेगा। यही वजह है कि भारत अब चाबहार बंदरगाह के विकास का दूसरा चरण शुरू करने की तैयारी में है।

दो से चार मार्च, 2021 तक मैरीटाइम इंडिया सम्मेलन, चार मार्च को चाबहार दिवस
कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए देश में सोमवार से दूसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत होगी।
जहाजरानी मंत्रालय की तरफ से दो से चार मार्च, 2021 तक मैरीटाइम इंडिया सम्मेलन होगा और इसके अंतिम दिन यानी चार मार्च को चाबहार दिवस मनाया जाएगा। इस दिन भारत सरकार दुनियाभर के निवेशकों को चाबहार में निवेश करने के लिए आमंत्रित करेगी। जो कंपनियां प्रस्ताव भेजेंगी, उनके लिए विशेष प्रोत्साहन भी देने की योजना है।

123 जहाजों ने चाबहार पोर्ट पर भारतीय टर्मिनल का इस्तेमाल किया
देश में 16 जनवरी से शुरू हुआ था कोरोना टीकाकरण का पहला चरण
जहाजरानी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, 2016 से जनवरी, 2021 तक 123 जहाजों ने चाबहार पोर्ट पर भारतीय टर्मिनल का इस्तेमाल किया है। जून, 2021 के बाद से यह संख्या तेजी से बढ़ने का अनुमान है। इस बंदरगाह से भारत ने अफगानिस्तान को 1.1 लाख टन चावल, गेहूं व अन्य खाद्य उत्पादों की आपूर्ति की है। यह आंकड़ा भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। भारत भविष्य में चाबहार पर एक विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने की योजना पर भी विचार कर रहा है। इस बारे में भारत की योजना मौजूदा अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से प्रभावित हो रही है।

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चाबहार परियोजनाओं को तेज करने के लिए जापान से भी चल रही बात
चाबहार पोर्ट की कनेक्टिविटी परियोजनाओं को तेज करने के लिए भारत जापान से भी बात कर रहा है। भारत खास तौर पर चाबहार को रेल मार्ग से जाहेदन (ईरान-अफगानिस्तान सीमा) और आगे अफगानी शहर जारंज से जोड़ने के लिए जापान की मदद चाहता है। जानकारों का कहना है कि भारत और जापान के बीच दूसरे देशों में जिन कनेक्टिविटी परियोजनाओं को साथ मिलकर शुरू करने पर बात हो रही है, उनमें चाबहार से जारंज तक की रेल परियोजना सबसे अहम है।


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