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ब्रेकिंग: तवांग में भारत-चीन सैनिकों की झड़प, आया चीनी मीडिया का रिएक्शन, क्या कहा? जानें
jantaserishta.com
14 Dec 2022 9:05 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: चीनी सैनिकों की ओर से 09 दिसंबर को भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की गई थी. भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मुहतोड़ जवाब देते हुए उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में जानकारी देते हुए मंगलवार को कहा कि इस झड़प में एक भी भारतीय सैनिकों का निधन नहीं हुआ है.
अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास हुई भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प पर दुनिया के सभी वेबसाइट और अखबारों ने प्रमुखता से जगह दी है. इसके अलावा चीन का मुखपत्र माने जाने वाला वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने भी तवांग झड़प पर विस्तार से रिपोर्ट की है.
तवांग झड़प पर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि शुक्रवार को भारतीय सेना के साथ झड़प के बाद चीनी मंत्रालय के प्रवक्ता वांग बेनविन (Wang Wenbin) ने प्रेस वार्ता में कहा है कि फिलहाल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति नियंत्रण में है. चीन सरकार ने भारत से दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को पालन करने के लिए कहा है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि सीमा संबंधी विवाद को स्थिर रखने के लिए दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य माध्यमों से बातचीत जारी है. वहीं, वांग ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि दोनों देश पहले से हुए समझौते को सख्ती से पालन करेंगे और संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने की भी कोशिश करेंगे.
चीन के फुदान विश्वविद्यालय (Fudan University) में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के एक प्रोफेसर लिन मिनवांग (Lin Minwang) ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प कोई आश्चर्य की बात नहीं है. प्रोफेसर ने कहा कि 2020 में गलवान पर सीमा संघर्ष के बाद दोनों देशों ने जिस तरह से बॉर्डर के पूर्वी सेक्टर में सैन्य जमावड़ा के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को बढ़ाया. उससे स्पष्ट था कि दोनों देश के सैनिक बॉर्डर के पूर्वी हिस्से में फिर से आमने-सामने आएंगे.
प्रोफेसर लिन ने कहा कि हालांकि यह अच्छी बात है कि दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों से हालात सामान्य करने के लिए विभिन्न स्तरों पर बातचीत जारी रखा है. इससे यह पता चलता है कि दोनों देश अपने संबंधों में स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं. बॉर्डर पर सामान्य हुई स्थिति को प्रोफेसर लिन ने इसी बातचीत का परिणाम बतााया है.
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, अरुणाचल में एलएसी के पास हुई झड़प की टाइमिंग पर प्रोफेसर लिन ने सवाल उठाया है. लिन ने कहा, "विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभव है कि भारत ने कोई खास संदेश देने के मकसद से सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश के बीच यह झड़प की हो. क्योंकि भारत-चीन सीमा पर संघर्ष सर्दियों में शायद ही देखने को मिलता हो.
हालांकि, एक्सपर्ट्स ने लिखा है कि तवांग में हुई झड़प का भारत और चीन के सीमा विवाद पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. दोनों देशों के आधिकारिक बयानों में भी हालात को सामान्य बनाने की कोशिश की गई है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत एक रणनीति के तहत दुनिया के सामने चीन के साथ अपने संबंध को तनावपूर्ण दिखा रहा है. विशेषज्ञ के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि रणनीतिक स्तर पर भारत ने अमेरिका के सामने अपनी कूटनीतिक अहमियत बरकरार रखने के लिए इस हालात में चीन के साथ संघर्ष किया है. ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है कि दुनिया को अपनी संतुलित कूटनीति दिखाने के मकसद से भारत चीन के साथ रिश्तों को तनावपूर्ण बना रहा है.
सिंघुआ विश्विद्यालय में अनुसंधान विभाग के निदेशक और चीन-भारत रिश्ते के स्कॉलर क्वेन फेंग (Qian Feng) के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि शुक्रवार (09 दिसंबर) को हुए सीमा संघर्ष दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति को सामान्य करने में रोड़ा साबित हो सकता है. क्वेन फेंग ने हालांकि यह भी कहा है कि मौजूदा स्थिति में जिस तरह से हालात को काबू किया गया उससे लगता है कि सीमा संघर्ष के और विस्तार होने की संभावना कम है.
तवांग सेक्टर में हुई झड़प को लेकर चीनी सेना ने भारतीय सेना को ही जिम्मेदार बताया है. चीनी सेना ने आरोप लगाया है कि भारतीय सेना के जवानों ने अवैध तरीके से चीन के बॉर्डर को पार करते हुए चीनी सैनिकों के सामने आ गए. जिसके बाद दोनों ओर से झड़प हो गई.
चीनी सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत को अपने सैनिकों को काबू में रखना चाहिए. अधिकारी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जवानों ने रूटीन पेट्रोलिंग कर रहे चीनी सैनिकों के काम बाधा डाली. जिस कारण से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई.
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