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India-China Conflict: कल 14वें कमांडर लेवल की बातचीत, दोनों देशों को काफी उम्मीदें

Deepa Sahu
11 Jan 2022 12:45 PM GMT
India-China Conflict: कल 14वें कमांडर लेवल की बातचीत, दोनों देशों को काफी उम्मीदें
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लगभग तीन महीने के बाद भारत और चीन के कमांडर लेवल की 14वीं बैठक (14th corps commander-level talks) 12 जनवरी को सुबह 9.30 बजे से चुशूल-मोल्डो एरिया में चीनी क्षेत्र में होने जा रही है.

India-China Standoff: लगभग तीन महीने के बाद भारत और चीन के कमांडर लेवल की 14वीं बैठक (14th corps commander-level talks) 12 जनवरी को सुबह 9.30 बजे से चुशूल-मोल्डो एरिया में चीनी क्षेत्र में होने जा रही है. इस बातचीत से पहले ही दोनों देशों के वरिष्ठ स्तर से सकारात्मक नतीजे मिलने की उम्मीदें जताई जा रही है. इस बातचीत में फोकस होट स्प्रिंग (Hot Springs) इलाके में अपनी सही पोजिशन को बहाल करना होगा.

इससे पहले दोनों देशों के कमांडर लेवल की बातचीत में गलवान घाटी, पेंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिण क्षेत्र एवं गोगरा इलाके को लेकर तात्कालिक समाधान निकालने में सफलता मिली थी लेकिन उसके बाद पिछली बातचीतों में कुछ खास हासिल नहीं हो सका था.
LAC पर समाधान खोजने में रूस की भूमिका
भारत और चीन अपने सीमा विवाद को सुलझाने में अब तक किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को खारिज करते आए हैं, लेकिन बीते दिनों लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर टेंशन का असर भू-राजनीति पर गहरा पड़ा है. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव ने भारत को अमेरिका के और करीब धकेला है और भारत QUAD के सदस्य के रूप में सक्रिय भूमिका में है. अब तक दोनों देशों के बीच तनाव पर मौन रहने वाला रूस भी इस मुद्दे पर भारत और चीन के साथ अलग-अलग बात कर रहा है.
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान छह दिसंबर को भारत-रूस के बीच हुए पहले 2+2 डायलॉग में आधिकारिक तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के अतिक्रमण का मुद्दा उठाया था. तीनों देशों के संगठन RIC की हुई वर्चुअल बैठक में भी विदेश मंत्रियों के स्तर पर भी सीमा विवाद को लेकर चर्चा हुई थी. जानकारों के मुताबिक रूस अपनी तरफ से भारत और चीन को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित करने में जुटा है जिससे अमेरिका को तनाव का फायदा उठाने का मौका नहीं मिले.
माना जा रहा है कि 14वें कमांडर लेवल की बातचीत में LAC पर कुछ इलाकों को लेकर दोनों देशों की सेनाओं में सहमति बनने से ऐसा माहौल बनाने की कोशिश होगी ताकि रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की RIC के तहत आमने-सामने की बैठक हो सके.
चीन का दोहरा रवैया रिश्तों में बन रहा बाधक
एक तरफ चीन LAC पर तनाव कम करने के लिए गंभीर प्रयास करने का दावा कर रहा है वही दूसरे इलाकों में चीन की हरकतें इसके उलट दिख रही है. चीन कभी भारत के अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों पर अपनी दावेदारी जताने के लिए उसका नामकरण करने लगता है तो कभी पेंगोंग इलाके के विवादित हिस्से पर पुल बनाने में लग जाता है. इस बाबत भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान जारी करके यह उम्मीद भी जताई है कि चीन ऐसी हरकतों के बजाय LAC पर जारी मौजूदा तनाव को हल करने की सकारात्मक कोशिश करेगा.
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