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भारत-चीन सेना ने की 19वें दौर की बैठक, इन मुद्दों पर दिया ज़ोर

Harrison
15 Aug 2023 2:56 PM GMT
भारत-चीन सेना ने की 19वें दौर की बैठक, इन मुद्दों पर दिया ज़ोर
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लद्दाख | गलवान में 2020 में भार -चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इसी बीच चीन के साथ सोमवार को नए दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को जल्दी हटाए जाने पर जोर दिया। सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तरीय 19वें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने देपसांग मैदान और डेमचोक से जुड़े मुद्दों के समाधान पर विशेष रूप से जोर दिया।
सैन्य सूत्रों के अनुसार यह बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में हुई। उन्होंने बताया कि सैन्य वार्ता सुबह करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुई और करीब 10 घंटे तक चली। वार्ता के संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। समझा जाता है कि कोर कमांडर स्तरीय वार्ता से एक दिन पहले रविवार को दोनों ओर के स्थानीय सैन्य कमांडरों ने बातचीत की थी। पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया। इस कोर का मुख्यालय लेह में है। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया। इससे पहले, 23 अप्रैल को 18वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक के लंबित मुद्दों पर जोर दिया था। दोनों देशों के बीच 19वें दौर की सैन्य वार्ता दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से एक सप्ताह पहले हुई। ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भाग लेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में पांच देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक के दौरान शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की थी।
बैठक के संबंध में अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि डोभाल ने यह अवगत कराया कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति से सामरिक विश्वास का क्षरण हुआ है तथा संबंध कमजोर हुए हैं। भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था। गलवान घाटी में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध काफी प्रभावित हुए।
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