भारत

India-Central Asia Summit: भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में हुए कई फैसले, 2024 में होगा अगला समिट

Deepa Sahu
27 Jan 2022 4:06 PM GMT
India-Central Asia Summit: भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में हुए कई फैसले, 2024 में होगा अगला समिट
x
विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) की सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने गुरुवार को कहा कि आज आयोजित भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन (India-Central Asia Summit) की पहली बैठक हाल के सालों में सभी मध्य एशियाई देशों के साथ हमारे निरंतर राजनयिक जुड़ाव की परिणति है.

विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) की सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने गुरुवार को कहा कि आज आयोजित भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन (India-Central Asia Summit) की पहली बैठक हाल के सालों में सभी मध्य एशियाई देशों के साथ हमारे निरंतर राजनयिक जुड़ाव की परिणति है. साथ ही कहा कि आज की बैठक का एक महत्वपूर्ण परिणाम भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं के बीच हर दो साल में एक शिखर-स्तरीय बैठक आयोजित करने का समझौता था. उन्होंने कहा कि अगला शिखर सम्मेलन 2024 में होगा. विदेश मंत्रालय की सचिव ने कहा कि आज भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की बैठक में पीएम मोदी (PM Modi) ने एक एकीकृत तरीके से कनेक्टिविटी और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले 30 सालों के लिए एक रोडमैप तैयार करने का सुझाव दिया.

भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की बैठक में अफगानिस्तान में उभरती स्थिति और क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गई. नेताओं ने शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन दोहराया. भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में नेताओं ने अंतर-संपर्क का विस्तार करने के लिए मध्य एशियाई देशों और भारत के बीच बड़े पैमाने पर और दीर्घकालिक आर्थिक सहयोग जारी रखने की आवश्यकता पर ध्यान दिया. इस संदर्भ में तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने तापी गैस पाइपलाइन परियोजना के महत्व पर जोर दिया.
भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं ने चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया और तुर्कमेनिस्तान के अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के ढांचे के भीतर तुर्कमेनबाशी बंदरगाह को शामिल करने के प्रस्ताव का उल्लेख किया.


मध्य-एशिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा भारत

भारत का इरादा मध्य-एशिया में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाना है. हाल ही में चीन ने इस क्षेत्र में सहायता के तौर पर 500 मिलियन डॉलर की सहायता राशि को भेजा है. अभी तक भारत-मध्य एशिया वार्ता में विदेश मंत्रियों के स्तर पर पांच देशों के साथ भारत का बैठक तंत्र चलता रहा है. पिछले महीने नई दिल्ली ने इस प्रारूप के तहत तीसरी बैठक की मेजबानी भी की थी. इसके अलावा सभी पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने नवंबर 2021 में अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में भाग लिया था.


Next Story