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भारत रुकवा सकता है रूस और यूक्रेन के बीच जंग, बदले अमेरिका के सुर, कर दी अपील

jantaserishta.com
16 July 2024 5:16 AM GMT
भारत रुकवा सकता है रूस और यूक्रेन के बीच जंग, बदले अमेरिका के सुर, कर दी अपील
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नई दिल्ली: अमेरिका ने एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत से अपील की है कि वह यूक्रेन और रूस के बीच जंग को खत्म करवाने की दिशा में काम करे। इसके लिए अमेरिका से पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अच्छे संबंधों का हवाला दिया है। इससे पहले पीएम मोदी की रूस यात्रा के दौरान भी अमेरिका ने भारत से इस तरह की गुहार लगाई थी। यूक्रेन की सीमा पर पिछले दो सालों से ज्यादा समय से जंग जारी है। अमेरिका का कहना है कि भारत चाहे तो पुतिन को युद्ध रोकने के लिए राजी कर सकता है।
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "भारत का रूस के साथ संबंध मजबूत है, यह सब जानते हैं। अमेरिका की ओर से बोलते हुए हमने भारत को रूस के साथ अपने अच्छे संबंधों को सही दिशा में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत के पास राष्ट्रपति पुतिन से उनके द्वारा शुरू किए गए युद्ध को खत्म करने और इस जंग में स्थायी शांति समाधान खोजने का पूरा मौका है। मोदी व्लादिमीर पुतिन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के लिए कह सकते हैं।" मिलर ने आगे कहा कि रूस के साथ डील करने के मामले में भारत अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
इससे पहले व्हाइट हाऊस की प्रवक्ता की ओर से भी पिछले सप्ताह ऐसा ही बयान आया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा था कि भारत चाहे तो राष्ट्रपति पुतिन से अनुरोध कर युद्ध रुकवा सकता है। अमेरिका ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि यूक्रेन में चल रहे जंग को पुतिन ही खत्म कर सकते हैं क्योंकि यह युद्ध उन्होंने ही शुरू किया है।
अमेरिका का हालिया बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में मॉस्को की दो दिवसीय यात्रा के कुछ दिनों बाद आया है। पीएम मोदी यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद पहली बार रूस पहुंचे थे। इस दौरान पीएम ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान ग्लोबल साउथ पर जंग के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की थी और इस मामले पर पुतिन से शांति की आशा व्यक्त की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को किसी भी शांति प्रयास के लिए भारत के अटूट समर्थन का आश्वासन भी दिया है।
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