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कनाडा से मिल सकते हैं भारत को 5 हजार वेंटिलेटर, अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों ने बातचीत शुरू की

Kunti Dhruw
6 May 2021 5:21 PM GMT
कनाडा से मिल सकते हैं भारत को 5 हजार वेंटिलेटर, अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों ने बातचीत शुरू की
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अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों के एक प्रभावशाली संगठन ने 5,000 वेंटिलेटर तुरंत भारत को मुहैया कराने के लिए कनाडा की सरकार के साथ बातचीत शुरू की है।

अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों के एक प्रभावशाली संगठन ने 5,000 वेंटिलेटर तुरंत भारत को मुहैया कराने के लिए कनाडा की सरकार के साथ बातचीत शुरू की है। कोविड-19 संक्रमण की तेज लहर के दौरान वेंटिलेटर की खरीदारी की गयी थी लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो पाया था।

'अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ऑरिजिन' (AAPI) के अध्यक्ष डॉ. सुधाकर जोन्नालगडा ने बताया, ''हम कनाडा सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। उनके पास करीब 5,000 वेंटिलेटर है।'' जोन्नालगडा ने पीटीआई को बताया, ''ये वेंटिलेटर कनाडा के रेड क्रॉस के पास हैं। हमने कनाडा सरकार से रेड क्रॉस के जरिए कोविड-19 महामारी से जूझ रहे भारत को ये वेंटिलेटर मुहैया कराने का अनुरोध किया है।'' जोन्नालगडा ने कहा कि संगठन के डॉक्टर इसके लिए काम कर रहे और उम्मीद है कि कनाडा सरकार स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे भारत को इसे देने के लिए राजी हो जाएगी।
'AAPI' की निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अनुपमा गोटिमुकुला ने बताया कि संगठन ने मामले पर बुधवार को कनाडा सरकार से बात की। उन्होंने कहा AAPI के डॉक्टर भारत सरकार के साथ एक मंच विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं जिसके जरिए भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर भारत के मरीजों को निशुल्क टेली-मेडिसीन सेवा मुहैया कराएंगे।
अमेरिकी सीनेटरों की मांग- भारत को जल्द दें कोविड-19 से लड़ने की सहायता: दूसरी तरफ अमेरिका के शीर्ष तीन सीनेटरों ने बाइडेन प्रशासन से भारत को कोविड-19 सहायता तेज़ करने का आग्रह करते हुए कहा कि दक्षिण एशियाई देश में कोरोना वायरस के रोजाना तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं और मुल्क की स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था इस स्थिति से निपटने में जद्दोजहद कर रही है।संकट से निपटने के वास्ते भारत की मदद के लिए हाल में उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए तीन सीनेटरों ने विदेश मंत्री टॉनी ब्लिंकन को लिखे पत्र में यह भी आग्रह किया है कि प्रशासन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 'कोवैक्स' योजना में मजबूत योगदान देना जारी रखे और इस बात की एक विस्तृत योजना बनाए कि अमेरिका टीके के अपने अधिशेष का वितरण कैसे कर सकता है।
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