भारत

इजरायल से 4 'हेरोन मार्क-2 ड्रोन' खरीदा भारत, मजबूत हुई भारतीय सेना

Deepa Sahu
1 Oct 2021 3:36 PM GMT
इजरायल से 4 हेरोन मार्क-2 ड्रोन खरीदा भारत, मजबूत हुई भारतीय सेना
x
भारत ने इजरायल से 4 हेरोन मार्क-2 ड्रोन खरीदा है।

नई दिल्‍ली, भारत ने इजरायल से 4 हेरोन मार्क-2 ड्रोन खरीदा है। हालांक‍ि, भारत पहले से ही हेरोन ड्रोन का इस्‍तेमाल करता रहा है, लेकिन यह ड्रोन अपग्रेड वर्जन का है। खास बात यह है कि इस ड्रोन में लेजर गाइडेड बम और मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। लद्दाख में भारत और चीन के तनाव के बीच यह खबर राहत देने वाली हो सकती है। चीन के बढ़ते टेंशन के बीच भारतीय सेना ने अपनी तैयारी को पुख्‍ता करना शुरू कर दिया है। भारत इजरायल से चार हेरोन मार्क-2 ड्रोन खरीदा है। यह माना जा रहा है कि भारत इस इजरायली ड्रोन को लद्दाख में तैनात करेगा। बता दें कि ड्रोन विमान को लेकर भारत-इजरायल के बीच समझौता हुआ था। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से विमान मिल नहीं पाए थे। अब अगले दो से तीन महीने में इजरायल दो हेरोन मार्क 2 ड्रोन विमान दे सकता है। दो अन्‍य ड्रोन विमान साल के अंत तक मिल सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर इस ड्रोन से चीन क्‍यों घबड़ाया हुआ क्‍यों है। इस ड्रोन की खूबियां क्‍या है।

ड्रोन की खूबियां
यह ड्रोन दुनिया की सबसे उन्‍नत तकनीक से लैस है। यह एक रणनीतिक और कई तरह के मिशन को अंजाम देने में सक्षम है।
इतना ही नहीं अपने साथ ये विमान कई तरह के पेलोड ले जाने में सक्षम हैं। इस ड्रोन विमान में रोटेक्‍स 915 आईएस इंजन लगे हैं, जो इसे 10 हजार मीटर की ऊंचाई पर ले जाने में मदद करते हैं।
इसकी अधिकतम गति 140 नाट्स प्रतिघंटे है। यह विमान 45 घंटे तक लगातार हवा में रह सकता है। हेरोन मार्क-2 विमान पहले बनाए गए हेरोन यूएवी का अपडेटेड माडल है।
हेरोन यूएवी का इस्‍तेमाल इजरायली एयरफोर्स समेत दुनिया के कई मुल्‍क करते हैं। अब इसके सेंसर को बड़ा किया गया है। इससे यह बेहद खतरनाक हो गया है।
इससे अब भारत बिना सीमा रेखा पार किए अपने दुश्‍मन के ठिकानों की काफी दूरी से ही टोह ले सकेगा। यह ड्रोन विमान में एक सर्वर लगा हुआ है, जिससे यह अपने अंदर बड़ी मात्रा में डेटा को एकत्र कर सकता है। इसका टेकआफ के समय अधिकतम वजन 1,350 किग्रा है।
हेरोन मार्क-2 ड्रोन को काफी चौड़ा और मजबूत है। इससे यह इतना मजबूत हो गया है कि आसानी से पनडुब्‍बी की टोह लेने वाले सोनोबओय मानिटरिंग सिस्‍टम को ले जा सकता है।
यह ड्रोन पानी के अंदर भी लक्ष्‍य का पता लगा सकता है। हेरोन यह विमान लंबी दूरी तक आसानी से नजर रख सकता है। इसके सिस्‍टम को दूर बैठकर ही सैटलाइट की मदद से बंद किया जा सकता है।
बता दें कि भारतीय सुरक्षाबल ऐसे हथियारों की खरीद में जुटे हैं, जो चीन के साथ चल रहे संघर्ष में उनकी मदद कर सकते हैं। अन्य छोटे या मिनी ड्रोन अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं, जिन्हें बटालियन स्तर पर सैनिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। हाथ से चलाए जाने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किसी विशेष स्थान या क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने या उस स्थान की निगरानी के लिए किया जाएगा। वहीं, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के लिए एक अमेरिकी कंपनी से लीज पर दो प्रीडेटर ड्रोन लिए हैं। इन ड्रोन की तैनाती पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर की जा सकती है।
Next Story