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भारत-बांग्लादेश के बीच 56 साल बाद दोबारा शुरू हुआ हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग
Renuka Sahu
2 Aug 2021 6:17 AM GMT
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फाइल फोटो
भारत और बांग्लादेश के बीच कल यानी 1 अगस्त 2021 से हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेलवे मार्ग के माध्यम से मालगाड़ियों का नियमित संचालन शुरू हो गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत और बांग्लादेश के बीच कल यानी 1 अगस्त 2021 से हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेलवे मार्ग (Haldibari Chilhati railway line) के माध्यम से मालगाड़ियों का नियमित संचालन शुरू हो गया है. यह कल 4: 30 बजे बांग्लादेश के लिए जीरो पॉइंट को पार कर गया.यह रेल लिंक क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और क्षेत्रीय व्यापार के विकास में भी मदद करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने 17 दिसंबर, 2020 को इस रेल मार्ग का उद्घाटन किया था.
हालांकि, महामारी की वजह से उसके बाद आधिकारिक तौर पर मार्ग पर कोई ट्रेन नहीं चली थी. इस रेल लिंक को भारत और बांग्लादेश के बीच पांचवें रेल लिंक के रूप में फिर से शुरू किया गया है.1947 में विभाजन के बाद से लेकर 1965 तक दोनों देशों के बीच इस रेल मार्ग पर ट्रेनें चलती थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, दोनों देशों के बीच रेल सेवा बंद हो गई थी.
दोनों देशों के बीच 7 रेल लिंक थे चालू
उस वक्त दोनों देशों के बीच 7 रेल लिंक चालू थे. वर्तमान में, बांग्लादेश और भारत के बीच चार परिचालन रेल लिंक हैं- बेनापोल (बांग्लादेश)-पेट्रापोल (भारत), दर्शन (बांग्लादेश)-गेडे (भारत), रोहनपुर (बांग्लादेश)-सिंहाबाद (भारत), और बिरोल (बांग्लादेश)- राधिकापुर (भारत). अभी पांचवे की शुरूआत फिर से कर दी गई है.
द्विपक्षीय व्यापार होगा मजबूत
द्विपक्षीय व्यापार होगा मजबूत निश्चित ही इस रेल मार्ग के माध्यम से भारत-बांग्लादेश रेल कनेक्टिविटी और द्विपक्षीय व्यापार मजबूत होगा. यह क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि का समर्थन करने के लिए और क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य बंदरगाहों और शुष्क बंदरगाहों तक रेल नेटवर्क पहुंच को भी बढ़ाएगा.
इन वस्तुओं का हो सकेगा निर्यात इस मार्ग के माध्यम से भारत बांग्लादेश को पत्थर, बोल्डर, खाद्दान, ताजे फल, रासायनिक उर्वरक, प्याज, मिर्च, लहसून, अदरक, फ्लाई ऐश, मिट्टी, चूना पत्थर और लकड़ी आदि का निर्यात कर सकेगा.हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी मार्ग, असम, पश्चिम बंगाल, नेपाल और भूटान से बांग्लादेश जाने के लिए सबसे कम दूरी का रास्ता है. इ इस नए रेल लिंक से इन दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक गतिविधियों को भी फायदा होगा.
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