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चीन के साइबर खतरों से निपटेंगे भारत-अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का भी देगा साथ

Kunti Dhruw
29 Sep 2021 5:48 PM GMT
चीन के साइबर खतरों से निपटेंगे भारत-अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का भी देगा साथ
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चीन से बढ़ते साइबर खतरों के मद्देनजर भारत, अमेरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया सुरक्षित डिजिटल नेटवर्क तैयार करेंगे।

चीन से बढ़ते साइबर खतरों के मद्देनजर भारत, अमेरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया सुरक्षित डिजिटल नेटवर्क तैयार करेंगे। चारों देश चीनी ऐप के खतरों और 5जी तकनीक के दुरुपयोग से निपटने की साझा रणनीति भी अपनाएंगे। चीनी ऐप और उसके असुरक्षित साफ्टवेयर का जवाब देने के लिए क्वाड देश बड़े पैमाने पर निवेश की तैयारी में हैं। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का नाम लिए बिना इन मुद्दों को क्वाड बैठक में उठाया था। सूत्रों ने कहा कि साइबर खतरा लगातार बढ़ रहा है। इसके जरिए प्रतिद्वंद्वी देशों की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने उनकी सूचनाओं में सेंधमारी का काम व्यापक स्तर पर हो रहा है। असुरक्षित ऐप के जरिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जब क्लीन ऐप और 5जी तकनीक के दुरुपयोग सहित अन्य मुद्दों को क्वाड में उठाया था तो अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन और जापान व ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने इसका समर्थन किया था।

सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में साइबर सुरक्षा पर चारों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग पर काम होगा। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट प्रैक्टिस और विशेषज्ञता को चारों देश साझा करके सुरक्षित नेटवर्क और सॉफ्टवेयर के लिए काम करेंगे। सूत्रों ने कहा कि साइबर खतरों के खिलाफ महत्वपूर्ण-बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किया जाएगा।
क्वाड सीनियर साइबर ग्रुप की लगातार बैठक होगी। साझा साइबर मानकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। साइबर रणनीति के कार्यान्वयन सहित इस क्षेत्र में निरंतर सुधार लाने के लिए सरकार और उद्योग के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। चारों देशों के विशेषज्ञ नियमित रूप से मिलेंगे। सुरक्षित सॉफ्टवेयर का विकास और सक्षम कार्यबल और साइबर टैलेंट पूल तैयार करने के लिए भी चारों देश मिलकर काम करेंगे। क्वाड फैक्ट शीट में भी इसका उल्लेख किया गया है।
साइबर सहयोग का मकसद सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल बुनियादी ढांचे की मापनीयता और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना है। सूत्रों ने कहा कि चीन तकनीकी के जरिए भी विभिन्न देशों को निशाना बना रहा है। इन खतरों पर क्वाड में विस्तार से विचार विमर्श किया गया था। नेताओं ने तय किया था कि इस क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। चीन जिस तरह से साइबर आक्रामकता की रणनीति अपना रहा है आने वाले दिनों में इसका जवाब क्वाड देश मिलकर देंगे।
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