भारत

भारत आर्थिक अपराधियों के शीघ्र प्रत्यर्पण की वकालत करता

Sonam
13 Aug 2023 8:37 AM GMT
भारत आर्थिक अपराधियों के शीघ्र प्रत्यर्पण की वकालत करता
x

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को यहां ‘जी-20 भ्रष्टाचार निरोधक मंत्रिस्तरीय बैठक’ के दौरान ‘‘दुनिया को भ्रष्टाचार मुक्त’’ बनाने की दिशा में काम करने, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी लाए जाने और उनकी पूंजी जब्त किए जाने पर जोर दिया। सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विदेशों से 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर की भारी भरकम राशि बरामद की गई है और भारत वापस लाई गई है। सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान ‘‘भ्रष्टाचार के लैंगिक पहलू’’ पर भी विचार-विमर्श किया गया और भारत की पहल पर इस दिशा में प्रगति की गई है। सिंह ने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन के लिए एक बड़ी चुनौती पैदा करते हैं क्योंकि वे न्याय से बचने के लिए देशों की कानूनी एवं वित्तीय प्रणालियों के बीच अंतर और मतभेदों का फायदा उठाने में सक्षम हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘भगोड़े आर्थिक अपराधी अपने देश में गंभीर आर्थिक अपराध करते हैं और गिरफ्तारी, अभियोजन या सजा की तामील से बचने के लिए किसी अन्य देश में भाग जाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन आर्थिक अपराधों में धोखाधड़ी, कर चोरी, धनशोधन एवं गबन जैसी कई अवैध गतिविधियां शामिल हैं। सिंह ने कहा कि इन आर्थिक अपराधियों के कृत्य कानून के शासन को कमजोर करते हैं, आर्थिक विकास को बाधित करते हैं और अकसर भ्रष्टाचार बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 भ्रष्टाचार निरोधक कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) कानून प्रवर्तन सहयोग, सूचना साझा करने की प्रक्रिया और पूंजी बरामदगी तंत्र से जुड़े अहम मामलों पर सर्वसम्मति बनाने में सफल रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘जी20 के रूप में हमें अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर साहसी होने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कमियों को दूर करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि भ्रष्टाचार से निपटा जा सके। मुझे भरोसा है कि जी20 सदस्य देश प्रत्यर्पण तंत्र की प्रभावशीलता को बढ़ाने और सीमा पार वित्तीय आवागमन की बेहतर निगरानी के लिए इन सिद्धांतों को लागू करने के लक्ष्य से ठोस कदम उठाएंगे। इससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसेगी।’’

सिंह ने कहा कि भारत भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक मजबूत और समग्र दृष्टिकोण अपनाने का प्रबल समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता होने के नाते यह सुनिश्चित करना जी20 की जिम्मेदारी है कि ‘‘हम भ्रष्टाचार मुक्त दुनिया के हकीकत में बदलने तक इस लय को बरकरार रखें।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार विरोधी मजबूत नीतियों को प्राथमिकता देकर और उन्हें लागू करके हम पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही के लिए वैश्विक मानक स्थापित कर सकते हैं। हमारे पास भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की शक्ति है जिसमें भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों को सुसंगत बनाना, सूचना साझा की प्रक्रिया को तेज करना और सीमा पार जांच एवं अभियोजन को मजबूत करना शामिल है।’’ सिंह ने पारस्परिक कानूनी सहायता के अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर ‘‘जवाबदेही रिपोर्ट’’ को अंतिम रूप देने की दिशा में किए गए काम को रेखांकित किया और कहा कि इसके निष्कर्ष एवं सिफारिशें अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने, वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने में देशों के बीच आपसी सहयोग को बेहतर बनाने और मजबूत करने में बहुत उपयोगी होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ये भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खतरे से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।’’

सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का नजरिया ‘‘भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति हमारे दृष्टिकोण’’ का भी मार्गदर्शन करता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का आधार हैं। बाद में, संवाददाता सम्मेलन में मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर भारत वापस लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि शासन का आधुनिकीकरण, दक्षता में सुधार और सेवा मुहैया कराने की व्यवस्था भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने का मार्ग प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि जी20 एसीडब्ल्यूजी ने भ्रष्टाचार से मुकाबले में लेखा परीक्षा की भूमिका पर अच्छी पद्धतियों का एक संग्रह तैयार करने में सराहनीय प्रगति की है। सिंह ने कहा कि भारत ने भ्रष्टाचार के लैंगिक पहलू का महत्वपूर्ण मुद्दा प्रस्तावित किया है जिस पर भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की बैठक में विचार-विमर्श किया गया।

Sonam

Sonam

    Next Story