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निर्दलीय गोभक्त अशोक कोठारी ने जीता भीलवाड़ा वासियो का दिल, कांग्रेस के दिग्गज हारे

Jantaserishta Admin 4
3 Dec 2023 1:40 PM GMT
निर्दलीय गोभक्त अशोक कोठारी ने जीता भीलवाड़ा वासियो का दिल, कांग्रेस के दिग्गज हारे
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भीलवाड़ा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनहितकारी योजनाएं भीलवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगे बेअसर साबित हुई है और भीलवाड़ा की सात विधानसभा सीटों में से 6 पर भाजपा प्रत्याशियों ने शानदार जीत हासिल की है। जबकि एक सीट पर आरएसएस समर्थित सनातनी निर्दलीय प्रत्याशी अशोक कोठारी ने जीत हासिल की है। सहाड़ा विधानसभा से गौसेवक लादूलाल पितलिया ने जीत का एक रिकॉर्ड बनाया है। भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुए राजस्व मंत्री रामलाल जाट, बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर और भाजपा से बागी हुए कैलाश मेघवाल को पराजित किया है।

संघ की चली, रोलर से दबे हाथ और कमल

तिलक नगर स्थित पोलोटेक्निक कॉलेज में रविवार सुबह हुई मतगणना में कई उतार चढावा देखने को मिले है। भीलवाड़ा विधानसभा सीट पर शुरुआती मतगणना में भाजपा के प्रत्याशी विठ्ठल शंकर अवस्थी चौका लगाते हुए नजर आ रहे थे, लेकिन कुछ रांउड गिनती के बाद वे लगातार पिछड़ते गए और दूसरे की जगह वे तीसरे स्थान पर पहुंच गए। कांग्रेस के उम्मीदवार ओम नाराणीवाल शुरुआत में तीसरे स्थान पर रहे, उन्होंने बढत हासिल कर बीच में मुकाबले को रौचक बना दिया था, और एक बार लगने लगा कि वे जीत की और अग्रसर हो रहे है, लेकिन बाद में रोड रोलर चिन्ह के प्रत्याशी और संघ समर्थित अशोक कोठारी ने सडक़ बनाने की तरह पहले गड्डे भरे और फिर रोलर को सरपट दौड़ाया जिससे कमल और हाथ कुचलते चले गए और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के ओम नाराणीवाल को 10 हजार 778 मतों से पराजित कर दिया। कोठारी ने 70 हजार 095 मत प्राप्त किए, जबकि ओम नाराणीवाल को 59 हजार 317 मत प्राप्त हुए। वहीं भाजपा प्रत्याशी अवस्थी को 55 हजार 625 मत मिले और वो कोठारी से 14 हजार 470 मतों से पिछड़े। जबकि अब्दुल रज्जाक अंसारी को 2309, कल्पना रेणू चन्नाल को 558, कमलेश मंडोवरा 412, अनुराग को 381, देव कुमार पाल 293, दिनेश लौहार को 261 मत प्राप्त हुए।

रामलाल जाट को उदय लाल भड़ाणा ने किया पराजित

मांडल विधानसभा सीट पर राजस्व मंत्री रामलाल जाट को सीधे मुकाबले में भाजपा के उदयलाल भड़ाणा ने 35 हजार 878 मतों से पराजित किया है। यह हारी काफी बड़ी बताई जा रही है। इसी तरह की हार की किसी को उम्मीद नहीं थी। भड़ाणा 1 लाख 26 हजार 291 मत हासिल किए, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल जाट को 90 हजार 413 मत प्राप्त हुए है। जाट ने पराजय को स्वीकार करते हुए कहा कि हम लोगों को विकास के बारे में पूरी तरह नहीं बता पाए। जबकि रामेश्वर लाल जाट को 1597, महावीर सिंह को 1042, अनुराग टांक को 631 वोट मिले।
सबसे बड़ी जीत सहाड़ा में पितलिया की
सहाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी लादूलाल पितलिया ने भीलवाड़ा जिले में सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज कर कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र त्रिवेदी को 62 हजार 519 मतों से पराजित किया है। पितलिया को 1 लाख 17 हजार 203 मत मिले, जबकि राजेंद्र त्रिवेदी को 54 हजार 684 मत मिले। इसी तरह बद्री लाल जाट 8 हजार 971, कैलाश गहलोत को 4 हाजर 125, कालू खां को 1 हजार 402, भैरू लाल कुमावत 1 हजार 156, रतनलाल सुथार को 639 मत मिले। माना जा रहा है कि इतनी बड़ी हार के पिछे गंगापुर क्षेत्र में कांग्रेस राज में लोगों के साथ हुई लूट और उनकी समस्याएं एक बड़ा कारण रही है।

कशमकश के बाद फिर गुर्जर खा गए मात

जहाजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के अखिल भारतीय सचिव और बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी गोपीचंद मीणा के हाथों मात खा गए। उन्हें मात्र 580 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। गुर्जर को 96 हजार 353 मत हासिल हुए, जबकि जीत का सेहरा बांधने वाले गोपीचंद मीणा को 96 हजार 933 वोट हासिल हुए। मतगणना के शुरू में तो धीरज गुर्जर लगातार पिछे चल रहे थे, और मतगणना के मध्य में उन्होंने बढत हासिल करनी शुरू की, एक बार तो वह 1600 से अधिक वोटों से आगे हो गए थे, लेकिन फिर पिछड़ते गए और अंतिम दो राउंडों में वे पिछे हुए और फिर 56 मतों तथा उसके बाद 15 मतों से आगे रहे, लेकिन डाकमत पत्रों में वे पिछड़ गए, जिसके चलते उन्हें 580 मतों से हार का सामना करना पड़ा। जबकि उनके समर्थन में कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने पंडेर में बड़ी जनसभा की थी, यहीं नहीं गुर्जर ने पांच साल तक लोगों के दुख दर्द में साझेदारी की और चुनाव से कुछ समय पहले जिले के संत-महंतों को बुलाकर लाखों रुद्राक्ष बांटे और भोज के बड़े आयोजन भी किए। जबकि भाजपा प्रत्याशी मीणा के पक्ष में पीएम मोदी ने कोटड़ी में बड़ी जनसभा की और उन्होंने बिना नाम लिए, भ्रष्टचारियों पर वार भी किए।
इस विधानसभा सीट पर भारती ठाकुर को 1567, दिनेश कुमार को 1426, भैरूलाल रैगर को 678, गोर्धन को 532, महावीर प्रसाद कुमावत को 454 वोटों से ही सब्र करना पड़ा है। जबकि 2542 लोगों ने इनमें से किसी उम्मीदवार को पसंद नहीं करते हुए नोटा का प्रयोग किया है।

मेघवाल के दांवे की निकली हवा, भाजपा प्रत्याशी ने चटा दी धूल

शाहपुरा विधानसभा सीट पर भाजपा से बाहर निकाले गए कैलाश मेघवाल के जीतने की हर किसी को उम्मीद थी और प्रदेश के कई नेताओं ने इसी आशा से उनसे संपर्क किया, लेकिन परिणामों ने सबकों चौंका दिया है उन्हें जीत तो दूर तीसरे स्थान पर रहना पड़ा है। इस विधानसभा सीट पर भाजपा के लालाराम ने कांग्रेस के नरेंद्र कुमार रैगर को 59 हजार 298 मतों से हराकर रिकॉर्ड बनाया है। वे जिले में सबसे अधिक मतों से जीतने में दूसरे स्थान पर रहे हैं। उन्हें 1 लाख 135 मत हासिल हुए। जबकि कांग्रेस के नरेंद्र रैगर को 40 हजार 837 मत हासिल हुए। जबकि जीत का ख्वाब देखने वाले कैलाश मेघवाल 34 हजार 783 मत ही हासिल कर पाए। मेघवाल ने भाजपा से बागी होते हुए बड़े-बड़े दांवे किए थे, लेकिन उन सभी दांवों की मतदाताओं ने हवा निकाल दी। इस विधानसभा सीट से महावीर रैगर को 2 हजार 14, रमेश मेघवंशी को 1 हजार 437, पूरण मल खटीक को 1 हजार 205, रामदयाल बलाई को 981 और मंत्री रहे गोपाल केसावत को मात्र 763 मत ही मिले। जबकि 2 हजार 326 लोगों ने इनमें से किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं किया।

त्रिकोणिय मुकाबले में जब्बर को मान रहे थे हल्का, लेकिन निकले भारी

आसींद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हगामीलाल मेवाड़ा को लगभग सभी जीता हुआ प्रत्याशी मान रहे थे, लेकिन मतदाताओं ने उन्हें ज्यादा अहमियत नहीं दी और जिस भाजपा प्रत्याशी जब्बर सिंह को हल्का माना जा रहा था, उन्होंने कड़े मुकाबले में 1526 मतों से मेवाड़ा को पराजित कर दिया। जब्बर सिंह को 74 हजार 586 मत मिले, जबकि मेवाड़ा को 73 हजार 60 वोट मिले। वैसे सट्टा बाजार में गुलाबपुरा नगर पालिका के चैयरमेन रहे धनराज गुर्जर को जीतने वाला प्रत्याशी माना था लेकिन वह भी तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर को 56 हजार 904 वोट हासिल हुए। पहले यह माना जा रहा था कि कांग्रेस प्रत्याशी मेवाड़ा और भाजपा से बागी होकर आरएलपी से हाथ मिलाने वाले धनराज गुर्जर के बीच मुकाबला होगा, इसके पीछे गुर्जर वोटों के साथ ही जाट लॉबी का उन्हें साथ मिलने की संभावना थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। इन तीनों के अलावा चुनाव में नारू लाल भील को 7 हजार 676, राणा खां को 1784, संपत लुहार को 1578, पारस साहू को 1142, दिनेश मेघवंशी को 754, और राधेश्याम वैष्णव को 719 वोट मिले।

पूराने विवादों से धाकडृ को देखनी पड़ी हार

मांडलगढ विधानसभा में सीधे मुकाबले में भाजपा के गोपाल खंडेलवाल दूसरी बार विजयी रहे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी विवेक धाकड़ को 8 हजार 194 मतों से धूल चटा दी। खंडेलवाल को 93 हजार 119 मत प्राप्त हुए, वहीं विवेक धाकड़ को 84 हजार 925 मत मिले। इन दोनों प्रत्याशियों ने जमकर प्रचार किया था और जेसीबी से खूब फूलों की बरसात करवाई थी। धाकड़ के हार का कारण कांग्रेस के अपने ही लोगों का साथ नहीं देना रहा है, इसके पीछे पुरानी कहानियां बताई जा रही है। इन दोनों के अलावा आरएलपी के भेरूलाल गुर्जर को 10 हजार 514, भारत आदिवासी पार्टी के भवाना गुर्जर को 2 हजार 281, बसपा के बख्तावर खटीक को 1763, जनता कांग्रेस के विवेक विश्रोई को 919, निर्दलीय भंवरलाल धाकड़ 893, भगवान भील 861 और राइट टू रिकॉल पार्टी के रामेश्वरलाल को 682 वोट हासिल हुए है।

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