झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की बैठक रविवार को राजधानी रांची में हुई. इस बैठक में कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की और जेएमएम विधायक बसंत सोरेन के बयान की भर्त्सना की गई और कहा गया कि अगर जनप्रतिनिधि पदाधिकारियों को लेकर अभद्र टिप्पणी करने से बाज नहीं आएंगे, तो प्रशासनिक पदाधिकारी उनके कार्यक्रम से तब तक दूरी बना लेंगे जब तक वे माफी नही मांगेंगे. बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अपनी बातों को उनके समक्ष रखेगा और अगर उसके बाद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है तो संघ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने को मजबूर होगा.
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी सोशल मीडिया के जरिए जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के खिलाफ की जाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणियों को साइबर अपराध की श्रेणी में लाने की मांग की. साथ ही अंचल कार्यालयों में गार्ड की प्रतिनियुक्ति की भी मांग की गई. कार्मिक विभाग द्वारा प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने के पूर्व जिन पदाधिकारियों की प्रोन्नति की अनुसंशा विभागीय प्रोन्नति समिति द्वारा की जा चुकी है उन्हें प्रोन्नति जल्द दी जाए, इसकी भी मांग की गई. साथ ही संघ ने बिहार की तर्ज पर झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित करने का भी आग्रह किया. प्रशासनिक सेवा में पदस्थापित पदाधिकारियों का निलंबन प्रक्रिया के अनुसार हो, उनसे स्पष्टीकरण लिए बगैर निलंबन नहीं होना चाहिए. रांची के कांके सीओ के निलंबन को लेकर संघ ने कड़ी आपत्ति जताई. वहीं 3 महीनों से जो पदाधिकारी निलंबित हैं, उन्हें बहाल करने की मांग की गई. संघ ने उम्मीद जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेंगे.