राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) के मंत्री और विधायक आये दिन अपने बिगड़े बोल और बयानों को लेकर घिर रहे हैं. अब राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री परसादीलाल मीणा (Parsadilal Meena) ने देश और प्रदेश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भ्रष्ट (Corrupt) बता डाला. मंत्री मीणा के इस बयान का राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद ने पुरजोर विरोध करते हुये उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. परिषद ने इस मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत को पत्र भेजकर मांग की है कि वे मीणा से उनका बयान वापस दिलवायें. वहीं इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष से भी आग्रह किया गया कि वे मंत्री के खिलाफ सदन निंदा प्रस्ताव लायें.
तहसीलदार सेवा परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष विमलेन्द्र राणावत ने सीएम गहलोत को भेजे पत्र में कहा कि गत 29 जून को उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने बूंदी में जनसुनवाई कार्यक्रम में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के खिलाफ बेहद अमर्यादित और असंसदीय टिप्पणी की है. मीणा ने यह टिप्पणी उस समय की जब पीसीसी के एक सदस्य ने नायब तहसीलदार प्रतीम कुमारी को नियम विरुद्ध कार्य नहीं करने पर एपीओ कर दिये जाने का मामला उठाया. इस पर मीणा ने कहा कि पूरे देश और प्रदेश में कोई तहसीलदार और नायब तहसीलदार ईमानदार नहीं हैं. सभी भ्रष्ट और रिश्वतखोर हैं.
राणावत ने कहा कि मंत्री का इस तरह का बयान प्रशासनिक ढांचे को छिन्नभिन्न करने वाला और अधिकारियों का मनोबल गिराने वाला है. मंत्री मीणा के इस बयान से प्रदेश के तहसीलदार और नायाब तहसीलदारों के आत्मसम्मान को चोट पहुंची है. तहसीलदार सेवा परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष विमलेन्द्र राणावत ने सीएम से मांग की है कि वे इस मामले में तुरंत कार्रवाई करें. उल्लेखनीय है कि हाल ही में भीलवाड़ा जिले में भी मांडल विधायक रामलाल जाट ने एक महिला तहसीलदार से फोन पर अभद्र व्यवहार किया था.