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महाराष्ट्र के फोन टैपिंग मामले में आईपीएस रश्मि शुक्ला के खिलाफ एक और FIR दर्ज की गई है. बता दें कि इससे पहले दर्ज एफआईआर के खिलाफ रश्मि शुक्ला हाईकोर्ट पहुंच गई थी. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तारी से छूट मिल गई थी. शुक्ला फिलहाल, हैदराबाद में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं. पुलिस के मुताबिक पहली एफआईआर कोलाबा पुलिस थाने में दर्ज की गई है. वहीं, दूसरी अब दक्षिण मुंबई के थाने में दर्ज हुई है.
बताते चलें कि रश्मि शुक्ला पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के फोन टैप करने के आरोप लगे हैं. मामला तब उठा जब शुक्ला महाराष्ट्र के राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख थीं. तब राज्य में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. पिछले साल कांग्रेस नेता नाना पटोले ने उनका फोन से टैप करने का आरोप लगाया था. पटोले के मुताबिक साल 2016-17 के बीच उनका फोन ये कहकर टैप किया गया कि यह नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंध रखने वाले किसी अमजद खान का है. पटोले का कहना था कि केवल उनका ही नहीं बल्कि भाजपा सांसद संजय काकड़े, कैबिनेट मंत्री रावसाब दानवे के निजी सहायक समेत कई नेताओं के फोन टैप किए गए. पटोले के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में जांच और कार्रवाई की बात कही थी.
जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई. कमेटी ने जांच के बाद रिपोर्ट में कहा कि साल 2015 से 2019 के बीच गलत राजनीतिक मंशा से नेताओं के फोन टैप किए गए थे. पुलिस के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रश्मि शुक्ला ने पुणे पुलिस का कमिश्नर रहते हुए इन टैपिंग को अंजाम दिया. बता दें कि मार्च 2016 से जुलाई 2018 के बीच रश्मि शुक्ला पुणे पुलिस की कमिश्नर थी. इसके बाद इस मामले में पुणे पुलिस ने शुक्ला के विरुद्ध बून्द गार्डन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस बीच शुक्ला गिरफ्तारी रुकवाने के लिए बंबई उच्च न्यायालय ने पहुंच गई. जहां से उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिल गई. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति नितिन बोरकार की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्राथमिकी में शुक्ला को अकेले निशाना बनाया गया इसलिए उन्हें अगले आदेश तक गिरफ्तारी से छूट दी जाती है.
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