और बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, शामिल हुई INS करंज पनडुब्बी, जाने क्यों कहा जाता है 'साइलेंट किलर'
मुंबई: साइलेंट किलर के नाम से मशहूर INS करंज पनडुब्बी आज नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गई. ये पनडुब्बी बिना किसी आवाज के दु्श्मन को उसके इलाके में घुसकर तबाह कर देती है. नौसेना की मुंबई स्थित पश्चिमी कमान के मुख्यालय में सैन्य परंपरा के तहत करंज को जंगी बेड़े में शामिल किया गया. फ्रांस की मदद से आईएनएस करंज को मझगांव डॉकयार्ड (एमडीएल) ने तैयार किया है.
#JUSTIN: Scorpene-class submarine INS Karanj commissioned into Indian Navy in Mumbai amid chants of How's the josh? High Sir!! #INSKaranj pic.twitter.com/rkPF3mN9hM
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इसके अलावा जवानों के सोने के लिए अलग अलग कंपार्टमेंट होते है. 3-3 घंटे की ड्यूटी के बाद जवान, 6 घंटे का ब्रेक लेते है. जहां तक हो सके पानी का इस्तेमाल कम किया जाता है. सबमरीन पर हर डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी कुछ खास लोगो पर होती है. जैसे अगर टॉरपीडो को फायर करना है तो उसके लिए खास तौर पर एक शख्स होता है ,अगर टॉरपीडो फायर करने से पहले उसके लिए कम्युनिकेशन के लिए एक खास शख्स जिम्मेदार होता है, कॉम्बैट के लिए एक अलग टीम होती है, इसी तर्ज पर मोटर और टेक्निकल चीज़ों के लिए अलग अलग शख्स होते है.
भारतीय नेवी की परंपरा रही है कि नेवी से रिटायर हो चुके युद्धपोत, सबमरीन के नाम से ही नए सबमरीन और युद्धपोत के नाम रखे जाते हैं. आईएनएस करंट 1969 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और साल 2003 में सेवानिवृत्त किया गया. अब नए सबमरीन का नाम एनएस करंज हैं.
Scorpene-class submarine INS Karanj commissioned into Indian Navy in Mumbai, in presence of Chief of Naval Staff Admiral Karambir Singh and Admiral (Retired) VS Shekhawat pic.twitter.com/8Sk520fhzR
— ANI (@ANI) March 10, 2021