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बढ़ गई डिमांड, इंटरनेशनल बार्डर से सफेद मुर्गों की तस्‍करी

jantaserishta.com
17 Feb 2022 1:30 PM GMT
बढ़ गई डिमांड, इंटरनेशनल बार्डर से सफेद मुर्गों की तस्‍करी
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भारत-नेपाल बार्डर के पगडंडी रास्तों से इन दिनों सोना-चांदी नहीं बल्कि भारतीय सफेद मुर्गों की तस्‍करी हो रही है। मुर्गों की तस्करी का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। होली के मद्देनजर बढ़ते डिमांड को देख अवैध कारोबारी सरहदी क्षेत्र के हरदीडाली व केवटलिया समेत कई सीमावर्ती गांव में सफेद मुर्गे डंप कर रहे हैं। फिर मुर्गों को चोरी-छिपे बार्डर क्रास कर नेपाल पहुंचा दिया जा रहा है। मुर्गों को एक डंडे में उलटा लटका कर पशू क्रूरता अधिनियम की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन सोनौली समेत अन्य सीमावर्ती थानों की पुलिस आंख मूंदे हुए है।

हरदी डाली बड़का टोला के एसएसबी बीओपी के पास और शेष फरेंदा के केवटलिया टोला के पास नोमेंस लैंड के पास ही पिकअप पर मुर्गे की खेप लाई जा रही है। जिस तरह बेरोक-टोक तस्करी हो रही है उसे देख लोग यही कर रहे हैं कि सुरक्षा एजेंसियां मुर्गा तस्करी की छूट दे रखी है। स्थिति यह है कि हर दिन करीब 10 हजार से भी अधिक मुर्गे केवल सोनौली क्षेत्र के पगडंडी रास्तों से नेपाल जा रहे हैं।
भारतीय सफेद मुर्गों और अंडों पर नेपाल में प्रतिबंध है। यह प्रतिबंध बर्ड फ्लू के मद्देनजर करीब एक वर्ष से लागू है। नेपाल में मुर्गा का मांस तीन सौ रुपया प्रति किलो की दर से बिक रहा है। जबकि भारतीय क्षेत्र में मुर्गा 160-180 रुपया प्रति किलो की दर से आसानी से उपलब्ध है। कीमत में अंतर से इंडो-नेपाल बार्डर क्षेत्र में मुर्गे की तस्करी हो रही है।
सीमावर्ती गांव के पास नेपाली मोटरसाइकिल से मुर्गा तस्करी की सूचना नहीं है। पुलिस को मुर्गा तस्करी रोकने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध रूप से तस्करी का मामला सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
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