शिमला। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सेब व आम सहित अन्य फलों के लिए फसल बीमा की राशि को बढ़ाया है। इसके तहत इसके तहत सेब की बीमा राशि को 800 रुपए प्रति पेड़ से बढ़ाकर 1,500 रुपए व आम की बीमा राशि को 620 रुपए प्रति पेड़ से …
शिमला। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सेब व आम सहित अन्य फलों के लिए फसल बीमा की राशि को बढ़ाया है। इसके तहत इसके तहत सेब की बीमा राशि को 800 रुपए प्रति पेड़ से बढ़ाकर 1,500 रुपए व आम की बीमा राशि को 620 रुपए प्रति पेड़ से बढ़ाकर 720 रुपए किया गया है। इसी तरह अन्य फलों की बीमा राशि में भी बढ़ौतरी की है जबकि बागवानों की प्रीमियम राशि को नहीं बढ़ाया गया है। यह घोषणा उन्होंने शनिवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में की। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बीमा के लिए ब्लॉकों को भी चिन्हित किया गया है। शुरू में सेब वाले क्षेत्र में 42 ब्लॉक चिन्हित थे। पहले इसमें से 6 ब्लॉकों को कम किया गया था। इस कारण सेब के 39 ब्लॉक रह गए थे। अब वर्ष 2023-24 के लिए सेब के 36 ब्लॉक चिन्हित किए गए हैं, जहां पर सेब के लिए बीमा करवाया जा सकता है।
इसी तरह फसल बीमा करवाने को लेकर आम के लिए ब्लॉकों को 39 से बढ़ाकर 65, पलम के लिए 14 से बढ़ाकर 29, आड़ू को 5 से बढ़ाकर 16 तथा नींबू प्रजाति के फलों के लिए ब्लॉकों को 18 से बढ़ाकर 58 कर दिया है। इसके अलावा फसल बीमा में नई शामिल की गई फल की प्रजाति अनार के लिए 21, लीची के लिए 38 तथा अमरूद के लिए 22 ब्लॉक चिन्हित किए गए हैं। इन चिन्हित ब्लॉकों में ही बागवान संबंधित फसल के लिए बीमा करवा सकते हैं। इन सभी क्षेत्रों में राडार लगे हुए हैं तथा फिर भी यदि बागवानों को कोई परेशानी हुई तो बागवानी विभाग उनकी सहायता करेगा। उन्होंने बागवानों से फसल बीमा को अपनाने का आह्वान भी किया।
जगत नेगी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र से राहत राशि जारी करने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा झूठा आंकड़ा पेश कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने आपदा से 10,000 करोड़ रुपए का आकलन किया है तथा इसकी एवज में कम से कम 1,700 करोड़ रुपए केंद्र को जारी करने चाहिए थे, लेकिन केंद्र ने 633 करोड़ रुपए पर ही रोक दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सबसे बड़ी गारंटी को पूरा कर दिया है तथा अन्य गारंटियों को भी चरणबद्ध तरीके से पूरा कर दिया जाएगा। नेगी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल भाजपा प्रदेश सरकार के कार्यों पर अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के उपक्रम जेे. एंड के. तथा उत्तराखंड में सैस दे रहे हैं, लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा लगाए जाने पर वह इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि हिमाचल में भाजपा की सरकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने आबकारी नीति में 5 वर्ष तक ठेकों को नीलाम नहीं करके राज्य का नुक्सान करवाया है।