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इन्कम टैक्स का कई राज्यों में छापा...इस तरह का हो रहा था काम...500 करोड़ रुपये अघोषित संपत्ति का चला पता

Shantanu Roy
27 Oct 2020 9:11 AM GMT
इन्कम टैक्स का कई राज्यों में छापा...इस तरह का हो रहा था काम...500 करोड़ रुपये अघोषित संपत्ति का चला पता
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नई दिल्लीः आयकर विभाग ने आज देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की है. फर्जी निदेशकों के नाम पर बनी शैल कंपनियों के सहारे काले धन को सफेद करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटरों के दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में स्थित 42 ठिकानों पर आयकर विभाग ने रेड डाली है. छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को 500 करोड़ रुपये अघोषित संपत्ति का पता चला है. इस दौरान करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति बरामद हुई है. आयकर विभाग ने 17 लाकर्स भी सीज किए है जिन्हें खोले जाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी

इस तरह से काम कर रही थीं शैल कंपनियां

आयकर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि खुफिया शाखा को सूचना मिली थी कि फर्जी शैल कंपनियों में फर्जी निदेशक बनाकर काले धन को सफेद करने का धंधा बड़े पैमाने पर जारी है. इस पूरे धंधे में एक नेटवर्क काम कर रहा है. यह नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में फैला हुआ है. आयकर विभाग के अधिकारी के मुताबिक इस प्रक्रिया के तहत शैल कंपनियों के कर्ता-धर्ता अपने कर्मचारियों को ही इन शेल कंपनियों का निदेशक बनाते थे.

इसके बाद जिन लोगों को अपना काला धन सफेद कराना होता था, उनके ब्लैक मनी को कंपनियों की एक चेन बनाकर सफेद करने का काम करते थे. इसके बाद अपनी दलाली की रकम लेकर काला धन सफेद होकर पूरी तरह से वापस उसी खाते में पहुंच जाता था, जहां से वह पैसा आया होता था.

आयकर विभाग ने इस नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाने के बाद लगभग 6 डाटा एंट्री ऑपरेटर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान दो करोड़ 38 लाख रुपये नगद और दो करोड़ 89 लाख रुपए के जेवरात बरामद हुए हैं. 500 करोड़ रुपये अघोषित रकम का भी पता चला है.

500 करोड़ रुपये अघोषित संपत्ति का पता चला

छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने विभिन्न जगहों पर 17 लाकरों को भी सीज किया है. आयकर विभाग को शक है कि इन लाकरो में काले धन हो सकता हैं. इन्हें खोलने का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा. विभाग के अधिकारी के मुताबिक अब तक बरामद हुए दस्तावेजों के आधार पर कई बड़ी मछलियां भी इस जाल में फंस सकती है जो अपने काले धन को इन कंपनियों के सहारे सफेद करा रही थी. इस मामले की जांच जारी है.

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