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केंद्र सरकार ने कोरोना टेस्टिंग में कमी को देखते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसे बढ़ाने की दी सलाह
Deepa Sahu
18 Jan 2022 1:24 PM GMT
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कोरोना की तीसरी लहर के बीच टेस्टिंग में कमी देखी जा रही है।
नई दिल्ली, कोरोना की तीसरी लहर के बीच टेस्टिंग में कमी देखी जा रही है। इसको लेकर केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाने पर जोर देने की सलाह दी है। केंद्र ने कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए इसलिए कहा ताकि महामारी के प्रसार का एक प्रभावी ट्रैक रखा जा सके और सही तरीके से निगरानी की जा सके।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा ने उन्हें इस पहलू पर तुरंत ध्यान देने और विशिष्ट क्षेत्रों में मामले की सकारात्मकता के रुझान को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक तरीके से टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर डाला कि ओमिक्रोन जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैरिएंट आफ कंसर्ट के रूप में नामित किया है। यह वर्तमान में पूरे देश में फैल रहा है।
ओमिक्रोन के खतरे को लेकर टेस्टिंग बेहद महत्वपूर्ण विषय
मंत्रालय के पहले के पत्रों और पिछले साल 27 दिसंबर को ओमिक्रोन वैरिएंट के संदर्भ में महामारी प्रबंधन की व्यापक रूपरेखा तैयार करने की गृह मंत्रालय की सलाह का उल्लेख करते हुए आहूजा ने कहा कि कोरोना की टेस्टिंग एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है।साथ ही उन्होंने कहा कि आइसीएमआर पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों से यह देखा गया है कि कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना टेस्टिंग में गिरावट दर्ज की गई है।
कोरोना टेस्टिंग को लेकर पिछले हफ्ते आइसीएमआर ने जारी की थी गाइडलाइन
बता दें कि पिछले हफ्ते कोरोना टेस्टिंग को लेकर आइसीएमआर ने एक गाइडलाइन जारी की थी। इसमें कहा गया था कि कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वाले हर किसी व्यक्ति को तब तक जांच कराने की जरूरत नहीं है जब तक कि वह अत्यधिक जोखिम वाले श्रेणी में न हो। सरकारी की तरफ से जारी एडवाइजरी में अत्यधिक जोखिम वाले लोगों में उन्हें रखा गया है जिनकी उम्र ज्यादा है या जो पहले से ही गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं। साथ ही इसमें यह भी कहा गया था कि इसमें यह भी कहा गया है कि एक से दूसरे राज्यों में यात्रा करने वालों को भी कोरोना जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
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