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पुलिस भर्ती मामले में दो परीक्षार्थी को हुई 7-7 साल की सजा, अपनी जगह दूसरे को दिलवाई थी परीक्षा

Admin2
31 July 2021 4:05 PM GMT
पुलिस भर्ती मामले में दो परीक्षार्थी को हुई 7-7 साल की सजा, अपनी जगह दूसरे को दिलवाई थी परीक्षा
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भोपाल। सीबीआई ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, एमपी (व्यापमं) द्वारा वर्ष 2013 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा फर्जी तरीके से देने वाले तीन लोगों को आरोपी बनाया था. इस केस में दो आरोपियों को सजा हो गई है. विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसोदिया ने मामले में आरोपी बनाए गए तीन आरोपियों में से दो को 7-7 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.

CBI के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने बताया कि व्यापमं द्वारा वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें परीक्षार्थी ओम प्रकाश त्यागी पिता परशुराम त्यागी के स्थान पर परीक्षा दिलाने के लिए दलाल सतीश जाटव ने एक सौदा किया था. इसके बाद ओम प्रकाश की जगह पैसे देकर प्रखर त्रिवेदी नाम के व्यक्ति से परीक्षा दिलवाई गई. आरोपी ओम प्रकाश त्यागी और सतीश जाटव को IPC की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश के लिए दंडित किया गया है.

इसमें एक अभ्यर्थी ओम पास हो गया था. इसके लिए सतीश ने ओम से एक लाख 25 हजार रुपए लिए थे. यह राशि कुछ नगद और कुछ राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया था. प्रकरण में दोनों आरोपी ओमप्रकाश त्यागी और सतीश जाटव को मूल्यवान प्रतिभूति के दस्तावेजों के कूटकरण, कूट रचित दस्तावेजों का बेईमानी पूर्वक उपयोग किया गया. असल के रूप में उपयोग में लाए जाने, छल और आपराधिक षड्यंत्र के लिए सजा सुनाई गई. मध्य प्रदेश परीक्षा मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के तहत के तहत दोनों दोषी पाए गए हैं. प्रकरण में विवेचना सीबीआई के निरीक्षक शिरीष पावडे द्वारा की गई थी. इस मामले में परीक्षा देने वाले आरोपी त्रिवेदी की मृत्यु प्रकरण के विचारण के दौरान हो चुकी है.

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