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न्याय पाने की आस में 21 दिन से डीप फ्रिजर में रखा हैं बेटे का शव, अब प्रशासन ने दिया नोटिस

Renuka Sahu
23 Aug 2021 4:32 AM GMT
न्याय पाने की आस में 21 दिन से डीप फ्रिजर में रखा हैं बेटे का शव, अब प्रशासन ने दिया नोटिस
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फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में इंसाफ की आस में एक फौजी पिता ने अपने बेटे के शव को 21 दिनों से डीप फ्रीजर में रखा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर (Sultanpur) में इंसाफ की आस में एक फौजी पिता ने अपने बेटे के शव को 21 दिनों से डीप फ्रीजर में रखा है. जिसके बाद जिला प्रशासन ने शव का अंतिम संस्कार नहीं करने पर परिवार वालों के खिलाफ नोटिस जारी किया है. मजिस्ट्रेट की तरफ से मृतक के घर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी शमशाद हुसैन ने बताया कि सरैया मझौवा गांव में रिटायर्ड सूबेदार शिवप्रसाद पाठक ने एक अगस्त को दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में बेटे शिवांक के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है.

परिवार पर होगी FIR?
जिला अधिकारियों के मुताबिक बेटे के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने और अपनी बहू गुरलीन कौर समेत 5 लोगों पर हत्या का केस दर्ज कराने की अर्जी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किरण गोंड ने खारिज कर दी थी. इस पूरे घटनाक्रम से आहत परिजनों ने बिना इंसाफ मिले बेटे को आखिरी विदाई न देने का फैसला किया. अब प्रशासन ने परिजनों को संयुक्त रूप से नोटिस देने के साथ ही शव का अंतिम संस्कार नहीं करने पर उनके खिलाफ FIR कराने की चेतावनी दी है. प्रशासन ने परिजनों को समझाने की काफी कोशिशें की जो अभी तक नाकाम रहीं.
ये था मामला
दरअसल सेना से रिटायर्ड सूबेदार शिवप्रसाद पाठक के बेटे शिवांक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत एक अगस्त 2021 को दिल्ली में हो गई थी. शिवांक दिल्ली में 2012 में एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था. इस बीच शिवांक ने दिल्ली में 24 अप्रैल 2012 को एक व्यक्ति के साथ मिलकर एक कंपनी खोली थी. कंपनी के पार्टनर ने दिल्ली की ही रहने वाली एक युवती गुरलीन कौर को एचआर के पद पर नियुक्त किया था. शिवांक ने इसी युवती के साथ 2013 में शादी कर ली थी.
पाठक का आरोप है कि शिवांक के नाम काफी संपत्ति है, जिस पर युवती की नजर थी. इसी बीच, बीती एक अगस्त को दिल्ली में उसके बेटे शिवांक की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. उनका आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. शव को पोस्टमार्टम होने के बाद सीधे उन्हें सौंप दिया गया. इसके बाद वह अपने बेटे शिवांक के शव को लेकर तीन अगस्त को सुल्तानपुर जिले स्थित अपने पैतृक गांव आ गए.
सांसद से लगाई गुहार

पाठक का कहना है कि बेटे की मौत से पर्दा उठाने के लिए उन्होंने कूरेभार थाने की पुलिस को भी सूचना दी, लेकिन उनकी एक न सुनी गई. न्यायालय ने सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने के आधार पर 18 अगस्त को अर्जी खारिज कर दी. इस मामले की जानकारी मिलने पर सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी ने मृतक शिवांक के पिता को आश्वस्त किया है कि वह दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात कर न्याय दिलाएंगी.


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