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आखिर में वो जीत गए...Lok Sabha Elections 2024 के परिणाम से जुड़ी अलग खबर

jantaserishta.com
6 Jun 2024 5:00 AM GMT
आखिर में वो जीत गए...Lok Sabha Elections 2024 के परिणाम से जुड़ी अलग खबर
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सांकेतिक तस्वीर

चुनाव में ईवीएम मशीन ही नहीं पोस्टल बैलेट के वोट भी जीत में बराबर मायने रखते हैं।
DELHI: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ चुके हैं और देशभर में तकरीबन 44 प्रतिशत वोटबैंक के साथ एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश की बागडोर संभालने वाले हैं। 2024 लोकसभा के परिणाम काफी चौंकाने वाले थे। कई सीटों पर मार्जिन लाखों का था तो कहीं महज कुछ गिनती के वोट के साथ प्रत्याशी ने संसद में एंट्री ली। दो लोकसभा सीटों के लिए मतदान आखिर तक रोमांचक बना रहा, जहां प्रत्याशी मतगणना के बाद जीत चुके थे लेकिन, पोस्टल बैलेट ने उन्हें हरवा दिया।
चुनाव में ईवीएम मशीन ही नहीं पोस्टल बैलेट के वोट भी जीत में बराबर मायने रखते हैं। इसकी बानगी नतीजों के दिन मुंबई और ओडिशा में देखने को मिली, जब ईवीएम के वोटों की गिनती के बाद हार चुके प्रत्याशी आखिर में विजयी घोषित हुए। हम बात कर रहे हैं. शिव सेना के रवींद्र वायकर और भाजपा कैंडिडेट रवींद्र नारायण बेहरा की। वाइकर ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से जीत हासिल की, जबकि बेहरा ने ओडिशा में जाजपुर सीट का जीत का परचम लहराया।
शिवसेना (शिंदे गुट) नेता रविंद्र वायकर ने महाराष्ट्र की मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिव सेना (यूबीटी) के अमोल गजानन कीर्तिकर को केवल 48 वोटों से हराया। दरअसल, अमोल ईवीएम की काउंटिंग तक विजेता घोषित हो चुके थे। ईवीएम काउंटिंग खत्म होने के बाद अमोल को वाइकर के 4,51,094 के मुकाबले 4,51,095 वोट मिले थे। फिर पोस्टल बैलेट में बाजी पलट गई। चुनाव आयोग के अनुसार, वायकर को पोस्टल बैलेट में 1,550 डाक वोट मिले, वहीं कीर्तिकर के पक्ष में 1,501 वोट पड़े। अंतिम गिनती से पता चला कि वाईकर को 4,52,644 वोट मिले और अमोल को 4,52,596 वोट मिले। हालांकि शिवसेना (यूबीटी) ने कहा है कि वह नतीजे को अदालत में चुनौती देगी।
ओडिशा में भाजपा के रवीन्द्र नारायण बेहरा को ईवीएम की काउंटिंग खत्म होने तक बीजू जनता दल (बीजेडी) की सर्मिष्ठा सेठी की तुलना में 496 कम वोट मिले थे, लेकिन फिर भी वो जीत गए। पोस्टल बैलेट के बाद बेहरा की जीत हुई। उन्हें पोस्टल बैलेट में 5,280 वोट मिले, वहीं सेठी को 3,224 वोट मिले।
पोस्टल बैलेट या डाक मतपत्रों का उपयोग आमतौर पर वो मतदाता करते हैं जो अपने निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव के वक्त दूर हों। अक्सर पोस्टल बैलेट से मतदान चुनाव के दौरान तैनात सुरक्षा कर्मी, कैदी और चुनाव ड्यूटी पर तैनात लोगों करते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव तक डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम की गिनती से 30 मिनट पहले की जाती थी। लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार दिशानिर्देशों में बदलाव किया निर्देश दिया कि ईवीएम की गिनती डाक मतपत्रों की गिनती की समाप्ति के बावजूद जारी रह सकती है।
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