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सरकार ने अवैध अतिक्रमण को किया जमीदोंज

jantaserishta.com
22 July 2023 11:01 AM GMT
सरकार ने अवैध अतिक्रमण को किया जमीदोंज
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देहरादून: प्रदेश में हो रहे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सरकार अपना रुख साफ कर चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने सख्त कदम उठाते हुए प्रदेश को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने का साफ संदेश दिया है। यह भी कहा है कि किसी तरह का अवैध अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो ऐसा करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। अब नैनीताल में सरकार ने अवैध अतिक्रमण और शत्रु सम्पति को जमीदोंज किया।
सरोवरनगरी नैनीताल में जाम की समस्या किसी से छिपी नहीं है। हर टूरिस्ट सीजन में नैनीताल आने वाले पर्यटकों को भीषण जाम से दो चार होना पड़ता है। जाम की समस्या के हल हेतु जिला प्रशासन निरंतर प्रयासरत है। अब इसी क्रम में आगामी 23 जुलाई को नैनीताल के मेट्रोपोल होटल का अतिक्रमण हटाया जाना निर्धारित है। दरअसल, इस होटल का अतिक्रमण हटाने के फलस्वरूप प्रशासन को यहां इतनी जमीन उपलब्ध हो जाएगी कि काफी हद तक नैनीताल में पार्किंग की समस्या दूर हो जाएगी। गौरतलब है कि मेट्रोपोल होटल परिसर में स्थित 134 परिवार शत्रु सम्पत्ति में अवैध रूप से काबिज हैं। इनमें से अधिकांश परिवार मूलतः उत्तराखंड के न होकर अन्य प्रदेशों के हैं। शत्रु सम्पत्ति में पूर्व से अवैध रूप से काबिज व्यक्तियों द्वारा अपने आवास अवैध रूप से बेच दिए हैं या किराये पर किसी अन्य को दिए हैं।
पूर्व के मूल अवैध कब्जेदार भी वर्तमान में इन आवासों पर निवासरत नहीं हैं तथा सबलेट हुए परिवारों द्वारा व्यवसायिक गतिविधियां भी इसी स्थान पर की जा रही हैं, जिनमें कपड़े धुलाई का कार्य किया जाता है तथा कूड़ा-कबाड़ के कई बड़े गोदाम हैं।
शत्रु सम्पत्ति स्थित परिसर में जो अवैध कब्जेदार काबिज हैं, ये समस्त परिवार नैनीताल के मुख्य नाले के किनारे अवैध रूप से काबिज हैं। इस नाले का उद्गम स्थल सूखाताल झील है एवं समापन बिन्दु नैनीताल झील है। नाले का उद्गम स्थल सूखाताल नैनी झील का रिचार्ज प्वाइंट है। नाले में अतिक्रमणकारियों द्वारा गन्दगी करने तथा अवैध अध्यासियों द्वारा सीवर का पानी नाले में छोड़े के कारण कूड़ा-करकट एवं सीवर की गन्दगी नैनी झील में प्रवेश कर रही है, जिससे नैनी झील दूषित हो रही है तथा जल प्रदूषण उत्पन्न हो रहा है।
नैनी झील के पानी से नगर में पेयजल आपूर्ति की जाती है, जिसका प्रभाव नैनीताल निवासियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसका संज्ञान उच्च न्यायालय ने भी लिया है।
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