भारत

उच्च शिक्षा में बालिकाओं को मिलेगा कॉलेज आने-जाने का किराया

Admin Delhi 1
23 Jun 2023 1:02 PM GMT
उच्च शिक्षा में बालिकाओं को मिलेगा कॉलेज आने-जाने का किराया
x

कोटा: बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा की तर्ज पर अब उच्च शिक्षा में भी ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना शुरू की है। जिसके तहत बेटियों को घर से कॉलेज आने-जाने के लिए सरकार किराया देगी। लेकिन, यह किराया घर से कॉलेज की दूरी 10 किमी या इससे अधिक होने पर ही मिलेगी। योजना से जहां हाड़ौती की बेटियों को लाभ मिलेगा। वहीं, कक्षाओं में छात्राओं की उपस्थिति बढ़ेगी। इसका असर प्रत्यक्ष रूप से शैक्षणिक स्तर में सुधार दिशा में नजर आएगा। साथ ही अभिभावक किराए की चिंता से मुक्त हो सकेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में उच्च शिक्षण संस्थानों में ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना लागू करने की घोषणा की थी।

खाते में आएगी किराया राशि

ट्रांसफर वाउचर योजना का संचालन उच्च शिक्षा आयुक्तालय के माध्यम से किया जाएगा। छात्राओं को घर से दस किमी या इससे अधिक दूरी से महाविद्यालय आने जाने के लिए सरकार 20 रुपए प्रतिदिन किराया देगी। यह राशि प्रतिमाह उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी। इसके लिए एडमिशन के दौरान कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्राओं से आवेदन फॉर्म में बैंक खाते की डिटेल भरवाई जाएगी, उसी खाते में किराए की राशि ट्रांसफर की जाएगी।

11 हजार से अधिक छात्राओं को मिल सकेगा लाभ

शहर के सात राजकीय महाविद्यालयों में सत्र 2022-23 में करीब 11 हजार 433 छात्राएं अध्ययनरत हैं। जिन्हें ट्रांसफर वाउचर योजना का लाभ मिल सकेगा। हालांकि, अभी कॉलेजों को आयुक्तालय से इस संबंध में कोई गाइड लाइन जारी नहीं है। लेकिन, शिक्षाविद् एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने के दौरान योजना क्रियांव्यन के दिशा-निर्देश जारी किए जाने की उम्मीद जता रहे हैं। वहीं, सत्र 2023-24 के प्रथम वर्ष में प्रवेश शुरू होने पर छात्राओं की संख्या में इजाफा होगा। ऐसे में बड़ी संख्या में बेटियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।

प्रस्ताव को मिली मंजूरी

उच्च शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को राहत देने के लिए हाल ही में ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। वर्तमान में यह योजना स्कूलों में संचालित हो रही है। कक्षा 9 से 12वीं में अध्ययनरत छात्राओं को घर से पांच किमी दूरी से विद्यालय आने-जाने पर सरकार की ओर से किराया दिया जाता है।

75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी

कॉलेज शिक्षकों ने बताया कि ट्रांसफर वाउचर योजना का लाभ तभी मिल पाएगा जब छात्राएं नियमित कक्षाएं अटैंड करेंगी। महीने में 75 प्रतिशत उपस्थिति होना अनिवार्य है। इसके लिए कॉलेजों में बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएंगी। जिसमें आधार आधारित उपस्थिति दर्ज होगी। इसका डेटा वेरिफाई करने के बाद ही हर महीने किराए का पैसा खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। वहीं, योजना का फायदा शैक्षणिक स्तर में सुधार के रूप में नजर आएगा। कक्षाओं में अटेंडेंस बढ़ने से शैक्षणिक माहौल विकसित होगा। अक्सर देखने में आता है कि एडमिशन के बाद छात्राएं नियमित कॉलेज नहीं आतीं हैं। जिसकी वजह से शिक्षकों द्वारा क्लास में पढ़ाए जा रहे टॉपिक से अछूूते रह जाते हैं। ऐसे में उनके डाउट क्लियर नहीं हो पाते, जिसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ता है।

1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को मिल रहा लाभ

ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना के तहत कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को सरकार की ओर से तीन केटेगिरी में किराया भत्ता दिया जाता है। इसमें कक्षा 1 से 5वीं तक के बालक-बालिकाओं को घर से 1 किमी दूर स्कूल आने-जाने के लिए 10 रुपए किराया भत्ता दिया जाता है। इसी तरह कक्षा 6 से 8वीं के बच्चों को 2 किमी से अधिक दूरी पर 15 रुपए तथा कक्षा 9 से 12वीं की छात्राओं को 5 किमी दूर स्कूल आने-जाने के लिए 20 रुपए प्रतिदिन उपस्थिति के आधार पर दिए जाते हैं। पहले यह योजना केवल 9 से 12वीं तक की बालिकाओं के लिए ही थी लेकिन वर्ष 2017-18 में सरकार ने इसका दायरा बढ़ाते हुए कक्षा 1 से 8वीं के बालक-बालिकाओं को भी शामिल कर लिया है।

बालिका शिक्षा व कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार ने स्कूली शिक्षा की तर्ज पर उच्च शिक्षा में भी ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना शुरू की है। शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों को प्रोत्साहन देने की सरकार की यह पहल सराहनीय है। कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ने से शैक्षणिक स्तर में निश्चित रूप से सुधार देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में उच्च शिक्षण संस्थानों में ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना लागू करने की घोषणा की थी। हालांकि, उच्च शिक्षा आयुक्तालय से योजना के क्रियांनव्यन से संबंधित अभी कोई गाइड लाइन नहीं मिली है। जैसे ही दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे, उसी के अनुसार कार्य किए जाएंगे।

- डॉ. रघुराज सिंह परिहार, सहायक निदेशक, उच्च शिक्षा आयुक्तालय कोटा

Next Story