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रायपुर: छत्तीसगढ़ में पटवारियों के हड़ताल पर जाने से आमजन के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। लिहाजा सरकार ने आय एवं जाति प्रमाण-पत्र के लिए खास व्यवस्था की है। इसके तहत अब वंशावली से जाति और आयकर रिटर्न से आय प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। ज्ञात हो कि राज्य के पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते उन लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिन्हें शासकीय सेवाओं में भर्ती एवं शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए आय एवं जाति प्रमाण पत्र की जरुरत है। इसलिए आगामी आदेश तक आय एवं जाति प्रमाण पत्र तैयार किए जाने के संबंध में अस्थायी निर्देश जारी किए गए हैं।
जाति प्रमाण पत्र के लिए वांछित भू-अभिलेख, मिसल, अभिलेख, जनगणना अभिलेख, दाखिल खारिज रजिस्टर, जमाबंदी एवं खसरे की नकल जिसमें आवेदक एवं उसके परिवार के किसी सदस्य की जाति अंकित है, की आवश्यकता सामान्यत: होती है। उपरोक्त सभी दस्तावेज जिला कार्यालय के अभिलेखागार में एवं अन्य विभागों के विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध हैं।
ऐसे दस्तावेज पटवारी से प्राप्त करने के लिए आवेदक बाध्य नहीं होगा क्योंकि यह दस्तावेज ऑनलाइन या जिला रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध है। इसके साथ ही वंशावली का सहारा लिया जाएगा, यदि यह वंशावली अभिलेखों से पुष्ट है, तो इसकी आवश्यकता भी नहीं है। ऐसी वंशावली ग्राम पंचायत के सचिव अथवा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकार करते हुए आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएंगे।
इसी तरह आय प्रमाण पत्र के लिए वांछित दस्तावेजों में नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए उनके द्वारा अंतिम वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न लिया जा सकता है अथवा उनके नियोक्ता के द्वारा जारी वार्षिक आय की जानकारी को मान्य करते हुए आय प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों खेतिहर मजदूरों, छोटे कृषकों को आय प्रमाणपत्र के लिए उनके द्वारा यदि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सूची में नाम होने अथवा ऐसा राशन कार्ड होने अथवा मनरेगा जॉब कार्ड होने अथवा श्रमिक का कार्ड होने पर यदि आवश्यक हो तो सरपंच, पंचायत सचिव, पार्षद से भी आय के समर्थन के लिये प्रमाण पत्र प्राप्त कर इन दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों को आय का प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
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