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आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ YSR कांग्रेस ने मंडल व जिला परिषदों के चुनावों में किया शानदार जीत हासिल
Deepa Sahu
19 Sep 2021 5:34 PM GMT
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आंध्रप्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य में मंडल और जिला परिषदों के चुनावों में शानदार जीत हासिल की है।
आंध्रप्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य में मंडल और जिला परिषदों के चुनावों में शानदार जीत हासिल की है। वाईएसआर कांग्रेस ने विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (TDP) को तकरीबन सभी 13 जिलों में परास्त कर दिया है। वाईएसआर कांग्रेस ने जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्रों (जेडपीटीसी) की 553 सीटों में से 547 पर जीत हासिल की है। वहीं, मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (एमपीटीसी) की 8063 सीटों में से 7284 पर जीत हासिल की है।
रिपोर्ट लिखे जाने तक राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्रों की 88 और मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की 1504 सीटों पर मतगणना चल रही थी। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टीडीपी ने जेडपीटीसी और एमपीटीसी के लिए केवत तीन-तीन सीटें जीती हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी और उसका गठबंधन सहयोगी जन सेना का खाता नहीं खुला है। वहीं, मंडल परिषद चुनावों में 23 और 85 सीटें जीतीं।
चुनाव में क्यों हुई इतनी देरी?
राज्य में सभी 660 जेडपीटीसी सीटों और 10,047 एमपीटीसी सीटों में से 126 जेडपीटीसी और 2,371 एमपीटीसी सीटें मार्च 2020 में सर्वसम्मति से चुनी गईं थी, चुनाव प्रक्रिया मार्च 2020 में शुरू हुई थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हुई थी। राज्य की नई चुनाव आयुक्त नीलम साहनी के कार्यभार संभालने के एक दिन बाद इस साल 2 अप्रैल को शेष सीटों पर चुनाव कराने की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई।8 अप्रैल को हुआ था मतदान
515 जेडपीटीसी सीटों और 7,219 एमपीटीसी सीटों के लिए मतदान 8 अप्रैल को हुआ था। कुल मिलाकर 1,29,55,980 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। जेडपीटीसी की 8 और एमपीटीसी 355 सीटों के लिए अदालती मामलों के कारण मतदान नहीं हो सका, जबकि 11 जेडपीटीसी और 81 एमपीटीसी में उम्मीदवारों की मृत्यु के कारण मतदान को रोकना पड़ा।
10 अप्रैल को ही होनी थी वोटों की गिनती
जेडपीटीसी और एमपीटीसी चुनावों के लिए वोटों की गिनती 10 अप्रैल को होनी थी, लेकिन टीडीपी और जन सेना पार्टियों द्वारा दायर एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इसे रोक दिया। बाद में 21 मई को बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश का हवाला देते हुए जेडपीटीसी और एमपीटीसी को इस आधार पर रद्द करने का आदेश दे दिया कि चुनाव शेड्यूल की घोषणा की तारीख और चुनाव कराने की तारीख के बीच अनिवार्य चार सप्ताह की आदर्श आचार संहिता का पालन हीं किया गया था।
सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच के सामने चुनौती
इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सिंगल बेंच के फैसल को मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एन जयसूर्या की खंडपीठ के सामने चुनौती दी। राज्य निर्वाचन आयोग ने तर्क दिया कि चार सप्ताह की आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का नियम स्थानीय निकाय चुनावों पर लागू नहीं हो सकता। राज्य निर्वाचन आयोग ने तर्क दिया कि इस साल अप्रैल में हुए नगरपालिका चुनावों और ग्राम पंचायत चुनावों के लिए चार सप्ताह के नियम का पालन नहीं किया गया। नगर निगम चुनाव में महज 22 दिन का और पंचायत चुनाव में 26 दिन का ही अंतर था। दलीलें सुनने के बाद 16 सितंबर को हाई कोर्ट की खंडपीड ने सिंगल बेंच के आदेशों को रद्द कर दिया और चुनाव कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की अनुमति दी। वहीं, चुनाव में मिली शानदार जीत पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि परिणाम मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के शासन में लोगों के विश्वास के समर्थन को दर्शाते हैं।
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