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ईसाइयों का महत्त्वपूर्ण धार्मिक पर्व 'ईस्टर' आज, राष्ट्रपति-पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
jantaserishta.com
17 April 2022 5:40 AM GMT
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नई दिल्ली: आज दुनिया भर में ईसाईयों का धार्मिक और महत्वपूर्ण त्योहार ईस्टर धूमधाम से मनाया जा रहा है. ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे. ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की खुशी में ईस्टर पर्व मनाया जाता है. इसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं. ईस्टर के मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुभकामनाएं दी हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्विटर पर सभी को ईस्टर की बधाई दी. उन्होंने इस त्योहार को जश्न मनाने का अवसर और क्षमा, बलिदान और प्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने वाला बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, हैप्पी ईस्टर! हम यीशु मसीह के विचारों और आदर्शों और सामाजिक न्याय के साथ-साथ करुणा को याद करते हैं. हमारे समाज में खुशी और भाईचारे की भावना बढ़े.
देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ईस्टर के अवसर पर बधाई देते हुए लिखा कि हमारे चारों ओर शांति और सद्भाव बना रहे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ईस्टर के पर्व की शुभकामनाएं दी. उन्होंने लिखा कि प्रभु यीशु मसीह की शिक्षाएं हमारे समाज में सद्भाव, प्रेम और करुणा की भावना को आगे बढ़ाएं.
ईस्टर पर्व के पहले सप्ताह को ईस्टर सप्ताह कहा जाता है. इस दौरान ईसाई धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं. साथ ही व्रत रखते हैं. ईस्टर पर्व पर सभी चर्चों को खास तौर पर सजाया जाता है. इस दिन चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं. ईसाई धर्म के कई लोग इस दिन अपने घरों को भी मोमबत्तियों से रोशन करते हैं. ईस्टर डे के दिन विशेष तौर पर बाइबिल का पाठ किया जाता है.
ईसाई धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, हजारों साल पहले गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को यरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर चढ़ाया गया था. इसके बाद गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी पहले संडे को ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे. माना जाता है कि पुनर्जन्म के बाद ईसा मसीह करीब 40 दिन तक अपने शिष्यों के साथ रहे थे.
इसके बाद वे हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए थे. इसलिए ईस्टर पर्व का जश्न पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है, लेकिन आधिकारिक तौर पर ईस्टर पर्व 50 दिनों तक चलता है. इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूम-धाम और उत्साह से मनाते हैं.
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