दिल्ली। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नाम फाइनल होना शुरू हो गए हैं. शनिवार को एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि विपक्ष भी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान रविवार को कर सकता है. वहीं, कांग्रेस ने साफ कर दिया है वह अपनी पार्टी से उपराष्ट्रपति पद के लिए कंडीडेट का नाम नहीं देगी. उपराष्ट्रपति के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है.
सूत्रों की मानें तो उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर फैसला लेने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं की 17 जुलाई को दोपहर 3 बजे एक बैठक बुलाई गई है. सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष ने मीटिंग बुलाई है. इसमें संसद के मानसून सत्र में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों-बिलों पर भी चर्चा की जा सकती है. इस बीच, कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों को पहले ही सूचित कर दिया है कि प्रमुख विपक्षी दल- कांग्रेस अपनी पार्टी से उम्मीदवार नहीं उतारेगी. कांग्रेस का कहना है कि वह फिलहाल पार्टी से कंडीडेट को लेकर विचार नहीं कर रही है. राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले जगदीप धनखड़ एनडीए के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं. धनखड़ 1989 से 1991 तक झुंझनू से सांसद रह चुके हैं. वे वीपी सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इस समय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. धनखड़ झुंझनू के किठाना गांव के रहने वाले हैं. 1991 में उन्होंने जनता दल छोड़ कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी. 1991 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा. मगर भाजपा के रासासिंह रावत से हार गए.
धनखड़ ने 1993 में विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर उतरे और चुनाव जीते. 1996 में उन्होंने झुंझुनूं से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे थे. 2003 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रदेश अध्यक्ष बनने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. जगदीप के पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती करते थे. धनखड़ राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे बार कौंसिल के भी सदस्य रहे हैं. धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी रह चुके हैं. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन पेरिस के सदस्य हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इच्छुक उम्मीदवार 19 जुलाई तक अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होगी. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 22 जुलाई तक वापस ले सकेंगे. देश का अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए 6 अगस्त को वोटिंग होगी. उपराष्ट्रपति चुनने के लिए 6 अगस्त को दिन में 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी दिन वोटों की गिनती भी हो जाएगी और चुनाव के नतीजे भी आ जाएंगे. अगर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल, दोनों ही खेमे उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सहमत हो जाते हैं और आम सहमति बन जाती है तो मतदान की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ऐसे में उपराष्ट्रपति का आम सहमति से निर्विरोध निर्वाचन भी हो सकता है. हालांकि, इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि देश के वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. वेंकैया नायडू का कार्यकाल पूरा होने से चार दिन पहले ही ये साफ हो जाएगा कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा. 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है. पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. मतगणना दिल्ली में संसद भवन परिसर में होगी. इसके लिए मतपेटियां विधान सभाओं से कड़ी सुरक्षा में संसद भवन के स्ट्रौंग रूम तक लाई जाएंगी.