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बेंगलुरु: कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर शुरू हुआ विवाद (Karnataka Hijab Row) अब हाई कोर्ट की फुल बेंच के पास (Huijab HC Hearing) पहुंच गया है। उडुपी के सरकारी कॉलेज की छात्राओं ने हिजाब पहनने के अधिकार (Udupi Students Hijab Dispute) पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। अब इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी (CJK Ritu Raj Awasthi) को फैसला करना है। तीन जजों की बड़ी बेंच के पास ये मामला गया है। इसमें कर्नाटक के चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित (Justice Krishna S Dixit) भी शामिल हैं। सुनवाई से जुड़े हर अपडेट के लिए बने रहिए हमारे साथ...
दोपहर ढाई बजे के बाद कर्नाटक के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की पीठ छात्राओं की याचिका पर सुनवाई कर रही है। उडुपी की छात्राओं की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े दलील दे रहे हैं। वहीं कुंडापुर के स्टूडेंट्स की तरफ से सीनियर वकील देवदत्त कामत पैरवी कर रहे हैं। संजय हेगड़े ने सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए कहा, '1983 के कर्नाटक एजुकेशन ऐक्ट में ड्रेस या यूनिफॉर्म के बारे में कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं।' अपने यूनिवर्सिटी के दिनों को याद करते हुए हेगड़े ने कहा कि तब भी कोई यूनिफॉर्म नहीं होती थी। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि पहले के दिनों में यूनिफॉर्म सिर्फ स्कूल में होती थी। जों के लिए वर्दी बहुत बाद में आई। कॉलेजों में यूनिफॉर्म का प्रचलन काफी बाद में शुरू हुआ।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सुनवाई से पहले सभी पक्षों से शांति की अपील की है। सीएम बोम्मई ने कहा, 'मैं सभी से अपील करता हूं, जिन्हें भी इस मुद्दे पर अपना बयान या टिप्पणी देनी है, वे पहले ही दे चुके हैं। अब सभी को रुककर कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। किसी को भी ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जिससे शांति भंग हो। आप लोग खुद पर लगाम लगाएं।'
सीएम बोम्मई ने कहा, 'जो कुछ हुआ, उस पर संक्षेप में चर्चा करने के लिए मैं प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश, राज्य के गृह मंत्री और अफसरों के साथ बैठक करूंगा। सभी हाईस्कूल और कॉलेजों को बंद करने की अवधि बढ़ाने पर आज शाम हम फैसला लेंगे।' शिक्षा मंत्री नागेश का कहना है, 'इस मामले में संतोषजनक बात यह है कि हाई कोर्ट की एक फुल बेंच फौरन इस मामले की आज से सुनवाई करने जा रही है। हम एक अच्छे फैसले की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे समस्या का अंत हो जाएगा।'
इस बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता एम लक्ष्मणन ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में तीन दिन के अंदर एक लाख भगवा स्कार्फ बंटवाए हैं। वह स्टूडेंट कम्युनिटी के बीच ध्रुवीकरण कराना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'बीजेपी छात्र समुदाय का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिजाब पर विवाद छेड़ दिया। गणतंत्र दिवस परेड में सुधारक श्री नारायण गुरु की झांकी दिखाने के केरल सरकार के सुझाव को केंद्र सरकार ने खारिज किया था। इस फैसले से लोग नाराज थे। राज्य सरकार को सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में रघुपति भट, प्रताप सिम्हा और सीटी रवि समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।'
हाई कोर्ट की बड़ी बेंच में सुनवाई से पहले हिजाब का मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक भी पहुंच गया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में केस की सुनवाई को हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई आज हो रही है। शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस स्टेज पर मामले में क्यों दखल दिया जाए? साथ ही सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के लिए कोई तारीख तय करने से फिलहाल इनकार कर दिया।
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