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मद्रास हाईकोर्ट का अहम फैसला, 1 सितंबर से सभी वाहनों के लिए 'बम्पर टू बम्पर इंश्योरेंस' जरूरी

Kunti Dhruw
26 Aug 2021 11:24 AM GMT
मद्रास हाईकोर्ट का अहम फैसला, 1 सितंबर से सभी वाहनों के लिए बम्पर टू बम्पर इंश्योरेंस जरूरी
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एक अहम फैसले में मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने कहा है.

एक अहम फैसले में मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने कहा है कि 1 सितंबर से अगर कोई भी वाहन बेचा जाता है तो 'बम्पर-टू-बम्पर' इंश्योरेंस जरूरी होना चाहिए. ये पांच सालों के लिए ड्राइवर, पैसेंजर्स, और वाहन मालिक को कवर करने वाले इंश्योरेंस से अलग होना चाहिए. फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा कि वाहन के मालिक को ड्राइवर, पैसेंजर, थर्ड पार्टी और स्वयं के हितों की रक्षा करने के लिए सतर्क रहना चाहिए, जिससे कि वाहन के मालिक पर एक्स्ट्रा बोझ थोपने से बचा जा सके.

जज इरोड के विशेष जिला न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के 7 दिसंबर, 2019 के आदेशों को चुनौती देने के न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. बीमा कंपनी ने बताया कि विचाराधीन बीमा पॉलिसी केवल केवल उस जोखिम को कवर करेगी, जिसका सामना वाहन के लिए किसी तीसरे पक्ष ने किया, न कि उसके रहने वालों द्वारा. बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि कार के मालिक द्वारा अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करने पर वाहन के मालिक के लिए कवरेज बढ़ाया जा सकता है.
मुआवजे का आदेश कोर्ट ने किया रद्द
न्यायाधीश ने के. पार्वती और तीन अन्य को 14.65 लाख रुपये का मुआवजा देने के ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया. हालांकि न्यायाधीश ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह आदेश दावेदारों को कार के मालिक से मृतक की मृत्यु के लिए मुआवजे का दावा करने से नहीं रोकेगा, जिस पॉलिसी के लिए कार का बीमा किया गया था. इस फैसले से अलग होने से पहले, न्यायाधीश ने कहा कि यह बताना दुखद है कि जब कोई वाहन बेचा जाता है, तो खरीदार को पॉलिसी की शर्तों और इसके महत्व के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित नहीं किया जाता है.

बम्पर टू बम्पर इंश्योरेंस अनिवार्य
कोर्ट ने ये भी कहा कि वाहन खरीदते समय, खरीदार को भी पॉलिसी के नियमों और शर्तों को अच्छी तरह से समझने में कोई दिलचस्पी नहीं होती, क्योंकि वो वाहन की परफॉर्मेंस के बारे में ज्यादा चिंतित होता है न कि पॉलिसी के बारे में. कोर्ट ने कहा कि अदालत निर्देश देती है कि जब भी 1 सितंबर के बाद कोई नया वाहन बेचा जाता है, तो हर साल पांच साल की अवधि के लिए वाहन के चालक, यात्रियों और मालिक को कवर करने के अलावा बम्पर-टू-बम्पर बीमा अनिवार्य होगा.


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