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IMA ने की सीएम पुष्कर सिंह धामी से अपील, बोले- 'महामारी के बीच न कराएं कांवड़ यात्रा का आयोजन'
Deepa Sahu
13 July 2021 10:29 AM GMT
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश भर की राज्य सरकारों से महामारी के प्रसार को रोकने वाले प्रतिबंधों को ज्यादा ढील नहीं देने की अपील की है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश भर की राज्य सरकारों से महामारी के प्रसार को रोकने वाले प्रतिबंधों को ज्यादा ढील नहीं देने की अपील की है. उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) से भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का आग्रह किया. आईएमए ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जुलाई-अगस्त में होने वाली कांवड़ यात्रा का आयोजन न कराया जाए.
आईएमए (IMA) ने कहा कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर आने में ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में कांवड़ यात्रा का आयोजन कराना सही कदम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में लापरवाही बरतकर पहले ही दूसरी लहर को एक बार न्योता दे चुके हैं. अब ऐसी गलती दोबारा करना देश को खतरे में डाल सकता है.
तीसरी लहर को लेकर IMA की चेतावनी
आईएमए ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्रिय नेतृत्व और लेटेस्ट मेडिकल टेक्नोलॉजी और देश के डॉक्टरों की सेवाओं की मदद से भारत सचमुच कोरोना महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से बाहर निकल रहा है. हालांकि अभी हमें तीसरी लहर के लिए खासा चौकन्ना रहने की जरूरत है. वहीं रिलीज में कहा गया कि कोरोना वायरस के साथ पिछले डेढ़ साल से चल रही लड़ाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बीमारी को जड़ से मिटाने का एक ही तरीका है वो है ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन.
Indian Medical Association (IMA), Uttarakhand urged Chief Minister Pushkar Singh Dhami to disallow the proposed Kanwar Yatra (July – August) in order to control the eruption of the 3rd wave of the #COVID19 pandemic. pic.twitter.com/5HpY4thtmm
— ANI (@ANI) July 13, 2021
'सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें'
IMA ने चिंता जाहिर करते हुए ये भी कहा था कि अभी कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव कम ही हुआ है कि देश के कई हिस्सों में "सरकार और जनता दोनों ही आत्मसंतुष्ट हो गई है और COVID प्रोटोकॉल का पालन किए बिना सामूहिक समारोहों में भाग लेना शुरू कर दिया गया है." हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पर्यटक, तीर्थ यात्रा, धार्मिक उत्साह सभी की आवश्यकता है, लेकिन यह भी जोड़ा कि ये गतिविधियाँ कुछ और महीनों तक प्रतीक्षा कर सकती हैं. फिलहाल हमें जरूरत है कि हम वैक्सीनेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें.
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