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अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम का पर्दाफाश, कई सरकारी कर्मचारी भी शामिल

Deepa Sahu
25 Aug 2021 5:44 PM GMT
अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम का पर्दाफाश, कई सरकारी कर्मचारी भी शामिल
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बिहार के सहरसा में अवैध रूप से निजी नर्सिंग होम का संचालन करने का बड़ा मामला सामने आया है.

बिहार के सहरसा में अवैध रूप से निजी नर्सिंग होम का संचालन करने का बड़ा मामला सामने आया है. आईएमए के सदस्यों ने एसपी लिपि सिंह से मिलकर इस मामले की शिकायत दर्ज कराई. लिपि सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम का गठन किया और इस मामले की जांच के आदेश दिए. बताया जा रहा है कि इस निजी नर्सिंग होम को चलाने में पुलिसकर्मी और सरकारी शिक्षक समेत स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मी के शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा.

फर्जी निर्सिंग होम का भंडाफोड़
दरअसल जिस बिल्डिंग में इस नर्सिंग होम का संचालन हो रहा था वो बिल्डिंग डॉक्टर मनोज कुमार की बताई जा रही है. नर्सिंग होम का संचालन का खुलासा तब हुआ जब मकान के मालिक डॉक्टर मनोज कुमार और निदान के संचालक अमित आनंद के बीच मकान के एग्रीमेंट को लेकर विवाद हुआ.
कई सरकारी कर्मचारी शामिल
जांच के दौरान पता चला कि नर्सिंग होम के मुख्य संचालक अमित आनंद के अलावा पुलिस कार्यालय में आईटी सेल के दरोगा मंगलेश कुमार, एक सरकारी शिक्षक सनोज यादव और सदर अस्पताल के स्वास्थ्य समिति कार्यालय के कर्मी मंतोष इसमें शामिल हैं. ये सभी इस नर्सिंग होम में पार्टनर बताए जा रहे हैं.
सब इंस्पेक्टर के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की गई
इस मामले पर एसपी लिपि सिंह का कहना है कि आईएमए के कुछ पदाधिकारियों ने एक आवेदन दिया था. उसमें कुछ सरकारी लोगों के बारे में बताया गया था. जिसकी जांच कराई गई है उसमें पुलिस विभाग के एक सब इंस्पेक्टर दोषी पाए गए हैं. उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई कर दी गई है. इसके अलावा कुछ लोग स्वास्थय और शिक्षा विभाग के भी लोग शामिल हैं. उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
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