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बिहार में शराबबंदी कानून को पूरी तरह असफल करने के लिए शराब माफियाओं की कोशिश लगातार जारी है. उधर पुलिस भी तय करके बैठी है कि शराब का एक बूंद भी लोगों के हलक में जाने नहीं देंगी. पुलिस शराब तस्करी करने वालों के हर उस एक्टिविटी को ट्रेस कर रही है. जिसे शराब तस्करी का माध्यम बनाकर बिहार में अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है.
लेकिन ताजा मामला सरकार के लिए ही परेशान करने वाला बन सकता है. क्योंकि जांच में वैसे हाई प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ सकते हैं. जिसके बारे में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और तेजस्वी यादव जैसे लोग चर्चा करते आए हैं. वो वे लोग हैं, जो रसूखदार हैं और जब चाहें, जहां चाहें शराब मंगाकर पी लेते हैं. पुलिस के हाथ एक ऐसी डॉयरी चढ़ी है. जिस डायरी में बिहार की राजधानी पटना के उन सारे रसूखदार पियक्कड़ों के नाम हैं. जो डेली बेसिस पर शराब अपने घरों में मंगाकर पीते थे.
पुलिस को ये डायरी पांच दिन पहले हाथ लगी है. लेकिन इसका खुलासा रविवार को हुआ है. राजधानी की पुलिस ने बीते 10 जनवरी को पत्रकार नगर थाने से एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया था. पुलिस की पूछताछ और गिरफ्तार शख्स के ठिकाने की जांच के दौरान पुलिस को एक अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन की तरह एक डायरी हाथ लगी. लेकिन डायरी के पन्ने खोलते ही पुलिस के होश उड़ गए. उस डायरी में तीस ऐसे रसूखदार और हाई प्रोफाइल लोगों के नाम मिले. जो डेली शराब पीते हैं और शराब मंगवाते हैं.
इन सभी लोगों के घर नियत समय पर शराब की होम डिलेवरी की जाती है. पैसे एकाउंट और गूगल पे के माध्यम से ट्रांसफर किये जाते हैं. इस डायरी में सभी लोगों के मोबाइल नंबर के अलावा उनके नाम और पते दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों की मानें, तो पुलिस ने डायरी में से उन लोगों का नाम बाहर निकाला है, जिनकी पहुंच बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन वे लोग रसूखदार और पैसे वाले हैं. डायरी में कुछ वैसे लोगों के भी नाम हैं. जो पावर सेंटर भी हैं, उनपर कार्रवाई करने के लिए पुलिस को सोचना पड़ रहा है.
पुलिस ने बीते 10 जनवरी को पटना के पत्रकार नगर थाने से इंद्रजीत नाम के होम डिलेवरी ब्वाय को गिरफ्तार किया था. इंद्रजीत शराब डिलिवरी की दुनिया का शातिर बताया जा रहा है. जिसका पेट नेम केनी बताया जा रहा है. पुलिस ने डायरी के आधार पर पहले ही दो ग्राहकों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें पटना के सबसे बड़े गहनों की दुकान के मालिक कुंदन कुमार और बिजली विभाग का एक कर्मचारी शिव कुमार शामिल है. पुलिस ने केनी की निशानदेही पर इन दोनों आरोपियों को बाइपास स्थित 90 फीट रोड से धर दबोचा. दोनों के बारे में कहा जा रहा है कि दोनों रोजाना शराब मंगाते थे और जमकर पार्टी करते थे. दोनों के नाम डायरी से भी निकले हैं.
पुलिस डायरी में मिले नंबरों को सर्विलांस पर डाल चुकी है. लेकिन अभी तक हाईप्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पुलिस का दावा है कि डायरी में नाम वाले सभी लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी, लेकिन पुलिस ये नहीं बता रही है कि अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई है. सिटी एसपी ईस्ट इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. लेकिन उनका साफ कहना है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. जहरीली शराब से नीतीश कुमार के गृह जिले में हुई मौत के बाद पुलिस पर दवाब बढ़ गया है, लेकिन पुलिस फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है.
पुलिस के मुताबिक डायरी मिलन के बाद उसमें शामिल करीब 27 लोग ट्रेसलेस हो गए हैं. उनका फोन भी बंद आ रहा है. उन्हें पहले ही पता चल गया है कि उनकी तलाश की जा रही है. वहीं दूसरी ओर बड़ा सवाल ये है कि क्या विपक्ष की ओर से लगातार ये कहा जाना कि रसूखदार लोग लगातार शराब पी रहे हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. अब देखना ये होगा कि पुलिस कैसे डायरी में शामिल नामों को शिकंजे में लेती है.
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