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आईआईटी: इमारतों को भूकंप से बचाने वाली नींव, 7.8 Hz तक की भूकंप तरंगों को करता है क्षीण
jantaserishta.com
19 April 2023 9:43 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| इमारत की नींव को बुद्धिमानी से डिजाइन करके, इमारत को ज्यादा नुकसान पहुंचाए बिना भूकंप की तरंगों को वापस मोड़ा या परावर्तित किया जा सकता है। आईआईटी मंडी की एक टीम ने भूकंप से इमारतों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ऐसी ही दो आयामी मेटामटेरियल आधारित नींव का प्रस्ताव दिया है। यह 2.6 हर्ट्ज से 7.8 हर्ट्ज तक भूकंप से होने वाली तरंगों को क्षीण करता है। आईआईटी की इस रिसर्च का विवरण जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित किया गया है।
आईआईटी की टीम ने इसके लिए द्वि-आयामी मेटामटेरियल्स का उपयोग किया है। धातु और प्लास्टिक जैसी सामग्री से बने कई तत्वों को जोड़कर एक मेटामटेरियल बनाया जाता है, जो आमतौर पर दोहराते हुए पैटर्न से तैयार होता है, जो भूकंप के कंपन या भूकंपीय तरंगों से प्रभावित होने वाली घटनाओं की तरंग से छोटी होती हैं।
आईआईटी के मुताबिक भूकंपीय तरंगें लोचदार होती हैं जो पृथ्वी की परतों के माध्यम से ऊर्जा का परिवहन करती हैं। अन्य प्रकार की भौतिक तरंगों के विपरीत, भूकंपीय तरंगों में लंबी तरंग कम आवृत्ति की होती है। भूकंपीय तरंगों के लिए मेटामटेरियल्स की जांच अपेक्षाकृत नया और अत्यधिक जटिल क्षेत्र है।
यह रिसर्च आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पण गुप्ता, और उनके शोधकर्ताओं ऋषभ शर्मा, अमन ठाकुर और डॉ. प्रीति गुलिया के सहयोग से की गई है।
इस शोध के महत्व को समझाते हुए डॉ. अर्पण गुप्ता ने कहा, इमारत की नींव को बुद्धिमानी से डिजाइन करके, इमारत को ज्यादा नुकसान पहुंचाए बिना भूकंप की तरंगों को वापस मोड़ा या परावर्तित किया जा सकता है। किसी भी इमारत की सुरक्षा लिए एक अच्छी नींव की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, इमारत फाउंडेशन की इस नवीन डिजाइन के माध्यम से ऐसा किया जा सकता है, और इसे मेटामटेरियल फाउंडेशन के रूप में जाना जाता है। भौतिक गुणों के कारण यह तकनीकी भिन्नता तरंगों के प्रतिबिंब को जन्म दे सकती है जिससे उस नींव पर बने हुए भवन संरचना की सुरक्षा हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, हमने दिखाया है कि मेटामटेरियल नींव भूकंप उत्तेजना के कारण होने वाले जमीन के कंपन को प्रभावी ढंग से कम कर सकती है। कंक्रीट और मेटामटेरियल नींव के बीच तुलना करने से यह पता चलता है कि मेटामटेरियल भूकंप के कारण होने वाले कंपन की प्रतिक्रिया को काफी कम कर सकता है। अनुसंधान या शोध यह इंगित करता है कि नियत समय के आधार पर यह 2.6 हट्र्ज से 7.8 हट्र्ज तक भूकंप से होने वाली तरंगों को क्षीण करता है। यह व्यापक और निम्न-आवृत्ति बैंड के अंतराल पर एक उल्लेखनीय प्रगति है जो भूकंप शमन उद्देश्यों के लिए भविष्य की मेटामटेरियल नींव के निर्माण में सहायता कर सकता है।
आईआईटी के मुताबिक यह अध्ययन भूकंपरोधी भवनों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। मेटामटेरियल फाउंडेशन भवन संरचनाओं को भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है और दुनिया के भूकंप-प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इस क्षेत्र में आईआईटी मंडी टीम का यह अभिनव शोध अधिक कुशल और प्रभावी भूकंपीय मेटामटेरियल फाउंडेशन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
डॉ अर्पण गुप्ता ने शोध के परिणामों पर अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा, हमारा शोध भवन संरचनाओं को भूकंपीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए मेटामटेरियल्स की क्षमता को दिखाता है। हम आशा करते हैं कि हमारा शोध अन्य शोधकर्ताओं को संरचनात्मक इंजीनियरिंग और भूकंप प्रतिरोधी इमारतें एवं अन्य क्षेत्रों में मेटामटेरियल्स की संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रेरित करेगा।
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