आईजीपी कश्मीर ने 'आगामी कार्यक्रमों' से पहले सुरक्षा पर की समीक्षा बैठक
जम्मू। कश्मीर पुलिस के आईजी वी.के. बर्डी ने रविवार को एक बैठक में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में वीवीआईपी दौरों तथा अन्य कार्यक्रमों की सुरक्षा-व्यवस्था काे लेकर एक समीक्षा बैठक की जिसमें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। पुलिस ने एक बयान में कहा कि समीक्षा बैठक श्रीनगर शहर में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में आयोजित की गई। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, सीआईएसएफ और राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक के दौरान भाग लेने वाले अधिकारियों ने आने वाले कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि में तैयार की गई सुरक्षा योजनाओं पर व्यापक जानकारी दी। आईजीपी कश्मीर ने सुरक्षा जरूरतों और कार्यक्रमों के सुचारू संचालन के बीच एक संतुलन बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए, अधिकारियों को आतंकवादी खतरों के जोखिम को कम करने के लिए, विशेष रूप से रात के घंटों के दौरान सतर्कता बढ़ाने का आदेश दिया।
आईजीपी कश्मीर ने अधिकारियों से विशेष रूप से महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के दौरान संवेदनशील बिंदुओं पर सुरक्षा मजबूत करके अप्रिय घटनाओं के जोखिम को कम करने का आग्रह किया है। बयान के अनुसार, "राष्ट्रीय राजमार्ग, सुरंगों, चौकियों और अन्य महत्वपूर्ण इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया।" आईजीपी कश्मीर ने चौबीसों घंटे गश्त और जिले के प्रवेश तथा निकास बिंदुओं पर उपस्थिति बढ़ाने के साथ श्रीनगर के ऊपरी और निचले दोनों इलाकों में सुरक्षा नाका उपायों को तेज करने के निर्देश भी दिए हैं। आईजीपी कश्मीर ने आयोजनों के दौरान बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए एसओपी का ध्यान रखने के लिए कर्मियों को ब्रीफिंग के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा आईजीपी कश्मीर ने संवेदनशील क्षेत्रों की गहन निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
बयान में कहा गया है कि संभावित आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में कड़ी निगरानी बनाए रखने के लिए सीमावर्ती जिला प्रमुखों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। समीक्षा बैठक का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में वीवीआईपी के दौरे के साथ-साथ आने वाले अन्य कार्यक्रमों की सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करना और उसे मजबूत करना है।