गाजियाबाद। कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टर एपी सिंह दो बार पॉजिटिव हो चुके हैं. दूसरी बार पॉजिटिव होने के बाद परिजनों ने कसम दिलाई कि कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करोगे, लेकिन वे नहीं मानें और ठीक होने के बाद दोबारा से इलाज शुरू कर दिया और अब तक 5000 मरीजों को ठीक कर चुके हैं. खास बात यह है कि वे इलाज के साथ मरीजों की काउंसिलिंग भी करते हैं. यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एपी सिंह पिछले साल दो बार पॉजिटिव हो चुके है, गंभीर हालत होने पर अस्पताल में एडमिट भी हो चुके हैं. दूसरी बार पॉजिटिव होने पर परिजनों ने कमस दी कि अब कोरोना के मरीजों का नहीं करोगे. जब तक कोरोना है तब तक घर पर रहोगे. पहले कुछ दिन तो वे घर पर रुके, लेकिन बाद में उन्होंने कसम तोड़ दी और मरीजों का इलाज शुरू कर दिया.
हॉस्पिटल के कॉरपोरेट मीडिया कम्युनिकेशन्स हेड गौरव पांडेय बताते हैं कि डॉ एपी सिंह रोजाना सुबह साढ़े 6 बजे उठकर अपने घर से हॉस्पिटल आ जाते हैं और अपना ब्रेकफास्ट भी गाड़ी में ही करते हैं. वे रोजाना करीब 6 घंटे पीपीई किट में रहते हैं. स्वयं मरीजों का हाल लेते हैं, इसके बाद दो घंटे अपने बीमार दोस्तों और रिश्तेदारों को ऑनलाइन वीडियो कंसल्टेशन भी देते हैं. वे शाम 6 बजे लंच के लिए समय निकाल पाते हैं या कभी-कभी वो भी नहीं करते हैं. वे हर 15 दिन में अपना कोविड19 का टेस्ट भी कराते रहते हैं.
डॉक्टर एपी सिंह कहते हैं कि तीसरी लहर के लिए हमें तैयार रहना चाहिए और यह नहीं सोचना चाहिए कि दूसरी लहर अब कम हो गई है और लापरवाही शुरू कर दें. जिस तरह सावधानी अभी तक बरत रहे हैं, आगे भी बरतनी चाहिए, तभी हम लोग तीसरी लहर को मात दे सकते हैं.