भुवनेश्वर। ओडिशा के आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक के घर छापेमारी में करोड़ों रुपये की संपत्ति का पता चला है. लगभग 150 सतर्कता अधिकारियों के एक दल ने 1987 बैच के आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक के आवासीय और अन्य परिसरों पर छापेमारी की है. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे उनकी कथित बेहिसाब दौलत देखकर दंग रह गए थे. बुधवार से सतर्कता अधिकारी भुवनेश्वर, पुणे, मुंबई, खगड़िया और उदयपुर जैसे कई स्थानों पर पाठक की संपत्ति का पता लगाने के लिए छापेमारी कर रहे हैं.
विजिलेंस विभाग की छापेमारी में पता चला है कि आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक ने लॉकडाउन के दौरान चार्टर्ड फ्लाइट्स से कम से कम 20 बार यात्राएं कीं, जिस पर उन्होंने करीब 3 करोड़ रुपये खर्चे किए. इसके अलावा उन्होंने पुणे में अपने बेटे के लिए एक फ्लैट और एक फार्महाउस भी किराए पर ले रखा है, जिसका किराया पांच लाख रुपये महीना था. इसके साथ ही उनके पास कई लग्जरी गाड़ियां भी मिली हैं.
एक वरिष्ठ सतर्कता अधिकारी, जो छापेमारी टीम का हिस्सा है. उन्होंने कहा, 'यह सतर्कता विभाग के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा छापा होगा. हम अभी तक अंतिम आंकड़े पर नहीं पहुंचे हैं, हालांकि यह 20 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक अभय कांत पाठक और उनके परिवार को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि छापेमारी को लेकर उनके परिवार या उनके वकील की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
अभय कांत पाठक जून 2018 से राज्य वन विभाग में वनीकरण और योजना के अतिरिक्त पीसीसीएफ के रूप में काम कर रहे हैं. कथित तौर पर अभय कांत पाठक एक विशाल बजट के प्रभारी थे, जिसमें सीएएमपीए फंड और एनआरईजीएस से राज्य योजनाओं के साथ-साथ वृक्षारोपण भी शामिल था. केंद्र सरकार ने साल 2019 में ओडिशा के लिए 5933 करोड़ रुपये का सीएएमपीए फंड जारी किया था, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक था.
अभय कांत पाठक की चार्टर्ड फ्लाइट्स द्वारा की गई यात्राओं की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने कलिंग एयरो एंड एलाइड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की फ्लाइटों से अपने परिवार के साथ मुंबई, पुणे, दिल्ली और पटना की यात्रा की थी. वह आखिरी बार अपनी पत्नी, बेटे और परिवार के अन्य सदस्य के साथ 13 सितंबर को चार्टर्ड फ्लाइट से पुणे गए थे. 13 सितंबर की यात्रा के बाद वह एक केंद्रीय एजेंसी की वित्तीय खुफिया इकाई के रडार पर आ गए थे.
छापेमारी के बाद अधिकारियों ने आश्चर्य जताया है कि 2.7 लाख रुपये के मासिक वेतन वाले IFS अधिकारी भुवनेश्वर में 8000 वर्ग फीट के अपार्टमेंट का खर्च कैसे उठा सकता है. इस बंगले में इटैलियन मार्बल के साथ-साथ हाथीदांत वाले लाखों रुपये का बेड भी हैं. छापेमारी के दौरान उनके डेंटिस्ट के पास 50 लाख रुपये और ड्राइवर के पास से 20 लाख रुपये नगद बरामद हुआ है. इसके अलावा अधिकारियों ने उनके घर से आधा किलो सोना और 10 लाख रुपये कैश भी जब्त किया है.
बेटे के अकाउंट में 9.4 करोड़ रुपये जमा
विजिलेंस के अधिकारियों ने बताया कि अभय कांत पाठक के बेटे के बैंक खातों में लगभग 9.4 करोड़ रुपये जमा थे, जिसमें से लगभग 8.4 करोड़ रुपये भुवनेश्वर के बैंकों में थे. इसमें से ज्यादातर पैसा भुवनेश्वर के साहिद नगर और नयापल्ली में एटीएम के माध्यम से जमा किया गया था. उनके बेटे के नाम मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और टाटा हैरियर और तीन यामाहा एफजेड बाइक जैसी महंगी गाड़ियां रजिस्टर्ड करवाए गए हैं। इसके अलावा उनके बेटे ने पुणे में 25 लाख रुपये में 2 मर्सिडीज कार भी किराये पर लिया था.
पुणे में दिया गया 1 करोड़ रुपये किराया
छापेमारी के दौरान पता चला है कि पुणे में लक्जरी फ्लैट और फार्म हाउस का 1 करोड़ रुपये से अधिक के किराए का भुगतान किया गया था. इसके अलावा तलाशी के दौरान मुंबई के होटल ताज महल पैलेस में 90 लाख से अधिक का होटल बिल और राजस्थान के उदयपुर में ताज लेक पैलेस की बुकिंग का 20 लाख रुपये का बिल भी मिला है. छापेमारी के दौरान पता चला है कि पाठक के बेटे की अगले महीने उदयपुर में एक वरिष्ठ बीजेडी नेता की बेटी के साथ शादी है. इस वजह से पिछले हफ्ते से ही भुवनेश्वर के कई बड़े होटल्स में शादी से पहले होने वाले समारोह आयाजित किए जा रहे हैं.