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वाह पशु प्रेम हो तो ऐसा! नन्हे हिरण को अपने बच्चे की तरह पाला, फिर...

jantaserishta.com
19 May 2022 7:49 AM GMT
वाह पशु प्रेम हो तो ऐसा! नन्हे हिरण को अपने बच्चे की तरह पाला, फिर...
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एक अनूठी मिसाल पेश की है.

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में रहने वाले बिश्नोई परिवार ने एक अनूठी मिसाल पेश की है. धोलिया गांव के शिव सुभाग मांजू ने एक हिरण के बच्चे को 9 महीन तक बड़े प्यार से पाला. उसकी देखभाल की. जब हिरण के बच्चे को रेस्क्यू सेंटर में भेजने का समय आया तो उसकी विदाई को यादगार बनाने के लिए जागरण और भंडारा कराया गया. इस मौके पर पूरा बिश्नोई परिवार भावुक हो गया.

सनावडा गांव के पास करीब नौ माह पहले एक मादा हिरण ने बच्चे को जन्म दिया था. जन्म देने के 15 दिन बाद मादा हिरण को कुत्तों ने हमला मार दिया था. जिसके बाद शिव सुभाग मांजू ने हिरण के बच्चे को बचाने के लिए अपने घर ले आए और उसकी देखभाल शुरू कर दी. शिव सुभाग की पत्नी सोनिया ने हिरण के बच्चे को गाय का दूध पिलाना शुरू किया. हिरण का बच्चा अब 9 माह का हो चुका है.
शिव सुभाग के परिवार ने हिरण बच्चे को 'लोरेंस' नाम भी दिया है. पूरे परिवार को हिरण के बच्चे से इतना प्यार हो गया कि घर के लोगों का ज्यादातर समय लोरेंस के साथ ही गुजरने लगा. परिवार का कोई भी सदस्य लोरेंस नाम से पुकारता हिरण दौड़ाता हुआ उसके पास पहुंच जाता. वन्य प्राणियों में हिरण एक ऐसा जानवर है, जो इंसानों के पास आना तो दूर उनकी आहट सुनते ही भाग जाता लेकिन लोरेंस शिव सुभाग मांजू के परिवार के साथ रह रहा था.
शिव सुभाग कि पत्नी सोनिया ने बताया कि हिरण के बच्चे को बोतल से दूध पिला-पिलाकर जिंदा रखा. वो अब पूरी तरह से फिट है और खूब चहल-कदमी करता है. वो परिवार के हर सदस्य के साथ अच्छी तरह से घुल मिल गया है. परिवार का कोई सदस्य जब उसका नाम लेकर पुकारता है तो वो दौड़ता हुआ उनके पास आ जाता है. घर के बच्चे सारे दिन उसके साथ खेलते रहते हैं.
शिव सुभाग ने बताया हिरण का बच्चा इतना चंचल है कि कुछ ही दिनों में सबके साथ घुलमिल गया. उसका डर खत्म हो गया है और बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके हाथ से दूध पी लेता है. वहीं करीब नौ माह की देखभाल के बाद वह पूरी तरह से तंदुरुस्त है. अब वह घर से बाहर जाने लगा है, जिसकी वजह से उन्हें आवारा कुत्तों के हमले होने का डर सताने लगा है.
शुक्रवार को सामूहिक भोजन का आयोजन कर लोरेंस को बेटी कि तरह विदाई देते हुए खुशी-खुशी उसके माथे पर तिलक लगाकर लोहावट स्थित रेस्क्यू सेंटर छोड़ दिया.
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