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वैक्सीन की 100 करोड़ डोज के बाद अगर हम ढीले पड़ गए, तो नया संकट आ सकता है: पीएम मोदी ने कही बड़ी बात

jantaserishta.com
3 Nov 2021 8:27 AM GMT
वैक्सीन की 100 करोड़ डोज के बाद अगर हम ढीले पड़ गए, तो नया संकट आ सकता है: पीएम मोदी ने कही बड़ी बात
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Covid Vaccination: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कम कोरोना वायरस (Coronavirus) टीकाकरण कवरेज वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में कोविड के टीकों की पहली खुराक के 50 प्रतिशत से कम कवरेज और दूसरी खुराक (Covid Vaccine) के कम कवरेज वाले जिले शामिल हुए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 100 साल की इस सबसे बड़ी महामारी में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है. अब आपको अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए Innovative तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा, ''अपने जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो तो वो भी बनाइए. आप क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर भी ऐसा कर सकते हैं. जो टीमें आपने बनाई हों, उनमें एक Healthy Competition हो, इसका भी प्रयास कर सकते हैं. एक चुनौती अफवाह और लोगों में भ्रम की स्थिति भी है. अभी बातचीत के दौरान भी इसका जिक्र किया गया है. इसका एक बड़ा समाधान है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए. आप इसमें स्थानीय धर्मगुरुओं की भी मदद और ज्यादा ले सकते हैं.''


पीएम मोदी ने आगे कहा, ''अभी कुछ दिन पहले मेरी वेटिकन में पोप फ्रांसिस जी से भी मुलाकात हुई थी. वैक्सीन पर धर्मगुरुओं के संदेश को भी हमें जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देना होगा. अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए. अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ आपको हर घर पहुंचना है.''
पीएम मोदी ने कहा, ''हर घर पर दस्तक देते समय, पहली डोज़ के साथ-साथ आप सभी को दूसरी डोज़ पर भी उतना ही ध्यान देना होगा, क्योंकि जब भी संक्रमण के केस कम होने लगते हैं, तो कई बार Urgency वाली भावना कम हो जाती है. लोगों को लगने लगता है कि, इतनी भी क्या जल्दी है, लगा लेंगे. सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब-करीब ढाई करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर दिखा चुके हैं. ये दिखाता है कि हमारी कैपेबिलिटी क्या है, हमारा सामर्थ्य क्या है.''
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