जनता अगर पूछे सवाल, तो क्यों परेशान हैं केजरीवाल : वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर शुक्रवार को पदयात्रा के दौरान विकासपुरी में हमले की कोशिश की गई, जिस पर अब दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की प्रतिक्रिया सामने आई है।उन्होंने कहा, “हाल ही में विकासपुरी में हुई एक घटना ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खासा परेशान कर दिया। जब स्थानीय जनता ने उन्हें गंदे पानी की समस्या को लेकर सवाल किए, तो केजरीवाल की प्रतिक्रिया ने उनकी असहजता को उजागर किया। लोग उनसे शिकायत कर रहे थे कि उन्हें गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह शिकायतें इतनी गंभीर थीं कि उन्होंने उन विधायकों को भी पानी पीने के लिए कहा जो केजरीवाल के साथ थे। इससे केजरीवाल बौखला गए।”
उन्होंने कहा, “केजरीवाल, जो पहले शीश महल में रहते थे, अब सड़कों पर चलने की आदत नहीं बना पाए हैं। जब जनता उनसे सवाल कर रही है, तो वे इसे भाजपा का हमला बताकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या वास्तव में यह बीजेपी का हमला है, या यह उन समस्याओं का प्रतिफल है जिनका सामना दिल्ली की जनता कर रही है? दिल्ली में सड़क, बिजली और पानी जैसे मूलभूत मुद्दों पर केजरीवाल सरकार के दावों की पोल खुलती जा रही है। जनता का आरोप है कि केजरीवाल ने उन्हें इन मुद्दों पर ठगा है।” उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में, दिनेश मोहिन्या संगम और अन्य नेताओं के साथ जब स्थानीय लोग सवाल पूछने पहुंचे, तो वहां की महिलाएं भी सवाल उठा रही थीं। विधायक गुलाब सिंह, जो इस बातचीत में शामिल थे, उन्हें भी जनता की शिकायतों का सामना करना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “जब केजरीवाल अपने असंतोष को बीजेपी के हमलों के रूप में दिखाते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या ये वास्तव में हमले हैं, या यह जनता के सही सवाल हैं। दिल्ली की जनता, विशेषकर महिलाएं और माताएं, उनसे सीधा सवाल पूछ रही हैं: "क्यों केजरीवाल? तुमने हमें ठगने का काम क्यों किया?" उन्होंने आगे कहा, “सोशल मीडिया पर भी आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी पर अनाप-शनाप आरोप लगाते नजर आते हैं, लेकिन यह सच है कि उनके पास सिर्फ तीन हथियार हैं: हताशा, निराशा और झूठ का प्रचार। लेकिन असली सवाल यह है कि केजरीवाल को इन सबके बीच दिल्ली की जनता के सवालों के जवाब तो देने ही होंगे।”