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भारतीय रेलवे कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो रोकेंगे रेल सेवा, मोर्चा की तैयारी
Deepa Sahu
11 Aug 2021 10:51 AM GMT
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भारतीय रेलवे के लिए अब अपने ही परेशानी का कारण बनने जा रहे हैं।
भारतीय रेलवे के लिए अब अपने ही परेशानी का कारण बनने जा रहे हैं। रेलवे कर्मचारी यूनियन ने रेलवे की खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठनों की मांग है कि मंत्रालय रेल कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्ज दे और कोविड 19 से जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उन्हें 50 लाख तक मुआवजा दिया जाए। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन के महामंत्री डॉ एम राघवैया का कहना है कि कोविड 19 महामारी की दोनों लहर के दौरान रेल कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की उसे देखते हुए रेल कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया जाना चाहिए और इस वैश्विक महामारी से जिन रेल कर्मियों की जान गई है, उनके परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
नहीं होने देंगे रेलवे का निजीकरण
राघवैया ने आगे कहा, सरकार जिस दिन रेलवे के निजीकरण का आदेश करेगी, उसी दिन बिना किसी नोटिस के रेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा। हम रेलवे का निजीकरण किसी हाल में नहीं होने देंगे। कोविड-19 महामारी जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय रेलवे ने वर्ष 2020-21 में पूर्व के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए मालभाड़ा परिवहन में 1233 मिलयन टन सामग्री का परिवहन कर उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है।
इसके बावजूद रेल कर्मचारी भी कई समस्याओं का निराकरण नहीं होना बेहद दुखद है। कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय रेलवे ने न केवल माल गाड़ियों का संचालन किया बल्कि अन्य आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति के लिए विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई। राष्ट्रहित में ट्रेनों के संचालन एवं अन्य कार्यों में लगे कर्मचारियों में से एक लाख से अधिक कर्मचारी कोविड़-19 संक्रमित हो चुके हैं तथा दुर्भाग्य से 2800 से अधिक रेल कर्मचारियों की कोरोनावायरस के कारण जान जा चुकी है।
पुरानी पेंशन योजना लागू हो
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि रेलवे कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाए। वर्ष 1960 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान करने के फार्मूले के आधार पर सभी सेवारत रेल कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को महंगाई राहत एक जनवरी 2020 से प्रदान कर एरियर की राशि का भुगतान किया जाए। वहीं, 1 जुलाई 2021 से बकाया महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की घोषणा क्रमशः सेवारत एवं सेवानिवृत्त केंद्र कर्मचारियों हेतु तत्काल की जाए।
रेल कर्मचारियों के सेवा के फलस्वरुप माल भाड़े लदान में उल्लेखनीय उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए उत्पादकता बोनस विगत वर्षों में दिए गए गुना से अधिक दिया जाए। नए पदों के सृजन पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए और रेल कर्मचारियों के रात्रि कालीन भत्ते को बिना किसी वेतन की सीलिंग लिमिट के भुगतान किया जाए।
एनएफआईआर सरकार से लगातार रेल कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देने एवं कोरोनावायरस के कारण जान गंवा चुके रेल कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख मुआवजा देने की मांग करती आ रही है। संगठन रेल कर्मचारियों की मांगों को लेकर लगातार आवाज उठाता रहा है। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन भारतीय रेलवे में कार्यरत 12 लाख कर्मचारी एवं 13 लाख सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख संगठन है।
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