धर्मशाला। प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसके तहत धर्मशाला और देहरा दोनों कैंपस में भवन निर्माण के लिए अढ़ाई-अढ़ाई सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। टेंडर भी पांच सौ करोड़ का दोनों कैंपस के लिए हो चुका है। कंपनी ने देहरा के …
धर्मशाला। प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसके तहत धर्मशाला और देहरा दोनों कैंपस में भवन निर्माण के लिए अढ़ाई-अढ़ाई सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। टेंडर भी पांच सौ करोड़ का दोनों कैंपस के लिए हो चुका है। कंपनी ने देहरा के साथ धर्मशाला के जदरांगल में भी काम शुरू करने को मशीनरी रख दी थी, लेकिन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जून माह में हरी झंडी मिलने के बाद भी जब प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ रुपए की राशी जमा नहीं करवाई तो काम शुरू नहीं हो पाया।
अधिकारियों की लापरवाही से अभी तक कांगड़ा के धर्मशाला में काम शुरू नहीं हो पाया और देहरा में बनने वाले आधे कैंपस का ही काम चल रहा है। भवन निर्माण के लिए देहरा में अढ़ाई सौ करोड़ ही खर्च होना है और धर्मशाला में भी अढ़ाई सौ करोड़ खर्च किए जाने हैं। निर्माण कार्य में लगी कंपनी को पांच सौ करोड़ का टेंडर आवार्ड हुआ है। ऐसे में कंपनी भी अपने काम को पूरा करने के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता अपना सकती है। ऐसे में हिमाचल की राजनीतिक लड़ाई का शिकार हो रहे केंद्रीय विवि के अढ़ाई सौ करोड़ कहीं फंस न जाएं अब इस बात की भी आशंका जताई जा रही है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार का कहना है कि कांग्रेस गुटबाजी में उलझी हुई है। अपने ही विधायकों को नीचा दिखाने के लिए बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की सैकड़ों करोड़ की राशी को रोका जा रहा है। यह पूरे कांगड़ा-चंबा के साथ अन्याय है। भाजपा इसके खिलाफ सडक़ से लेकर विधानसभा तक विरोध करेगी। कांग्रेस की आपसी लड़ाई का शिकार केंद्रीय विवि को नहीं होना दिया जाएगा, जो अधिकारी इसमें संलिप्त हैं और झूठी जानकारियां देकर गुमराह कर रहे हैं।