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'अगर ईडी ने तलब किया है, तो जाना चाहिए' , हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
11 March 2024 8:27 AM GMT
अगर ईडी ने तलब किया है, तो जाना चाहिए , हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, जानें पूरा मामला
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सांकेतिक तस्वीर
खास बात है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी ईडी के समन का सम्मान करने की बात कह चुका है।
तिरुवनंतपुरम: ED यानी प्रवर्तन निदेशालय के समन को लेकर केरल हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर किसी को जांच एजेंसियां समन भेजती हैं, तो उन्हें पेश होना ही चाहिए। खास बात है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी ईडी के समन का सम्मान करने की बात कह चुका है।
याचिका पर जस्टिस देवन रामचंद्रन सुनवाई कर रहे थे। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि उनके विचार से भले ही कोई व्यक्ति किसी भी पद पर हो, लेकिन अगर ईडी ने तलब किया है, तो उसे जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'प्लीज ईडी का सहयोग करें। वो आपके खिलाफ जो ऐक्शन लेंगे, उसे मैं नियंत्रित करूंगा। ईडी के सामने पेश हो और यहां वापस आएं। मैं आपकी मदद करूंगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन समन से बचे नहीं। यह बात सिर्फ इस मामले में ही नहीं, बल्कि मेरी एक राय है। सुप्रीम कोर्ट भी कहता है कि जब जांच अधिकारी समन भेजते हैं, तो हम उनसे बच नहीं सकते। हम सभी नागरिक हैं। अगर ईडी मुझे समन भेजती है, तो मुझे भी जाना होगा। कोई भी किसी से भी ऊपर नहीं है। प्लीज समन का जवाब दें।'
रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनी 'Webmep Traders' चलाने वाले प्रशांत पी नायर की तरफ से याचिका दाखिल हो गई थी। उनकी कंपनी साल 2020 से 'Highrich Online Shoppee' को अकाउंटिंग कंसल्टेंसी की सेवाएं दे रही थी। दोनों कंपनियों के बीच बड़े लेनदेन हुए, लेकिन अगस्त 2022 में एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होने के चलते लेनदेन बंद हो गए।
इसके बाद हाईरिच की ईडी ने जांच शुरू की और नायर के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए और उन्हें समन भी जारी किए गए। इसके बाद नायर ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की और बैंक खातों को बहाल करने की मांग की। रिपोर्ट में ईडी की हवाले से बताया गया है कि जब नायर को तलब किया गया, तो उन्होंने पेश होने में असुविधा की बात कही।
गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति से नायर को 12 मार्च को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे। साथ ही इस संबंध में 19 मार्च तक कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा गया है।
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