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कुत्ता काटे तो मालिक को होगी जेल, क्या कहता है कानून

Admin Delhi 1
16 Jan 2023 10:08 AM GMT
कुत्ता काटे तो मालिक को होगी जेल, क्या कहता है कानून
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दिल्ली: हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में रहने वाली शोभना ने स्विगी से खाना मंगवाया था। डिलीवरी बॉय रिजवान खाना लेकर पहुंचा। जब रिजवान पार्सल शोभना को दे रहा था, तभी उनके जर्मन शेफर्ड ने उस पर हमला कर दिया।

खुद को बचाने के लिए रिजवान छत पर भागा। कुत्ता भी उसके पीछे तीसरी मंजिल पर भागा। कुत्ते के अटैक से बचने के लिए डिलीवरी बॉय को छत से कूदना पड़ा। इसके बाद गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

यह पहली घटना नहीं जब पालतू ने इस तरह किसी अजनबी पर अटैक किया हो। इसलिए आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि घर पर कुत्ते को बच्चे की तरह सिर्फ पालना जरूरी नहीं, उन्हें सही ट्रेनिंग देना भी जरूरी है।

1957 का DMC एक्ट यानी Delhi Municipal Corporation Act के अनुसार, घर पर कुत्ता रखने के लिए, रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। जिसके लिए कुत्ते को रेबीज का वैक्सीन लगा होना चाहिए। वैक्सीन लगने के बाद ही कुत्ते का रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। इसके लिए दिल्ली वालों को 500 रुपए फीस देनी होती है।

DMC एक्ट के अनुसार, कुत्ते का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए मान्य होता है। एक साल बाद मालिक को अपने कुत्ते का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना पड़ता है।


भारत में परिवार और बच्चों के लिए डॉग की ये 10 ब्रीड सुरक्षित हैं।

लैब्राडोर (Labrador)

गोल्डन रिट्रीवर (Golden Retriever)

पग (Pug)

जर्मन शेफर्ड (German Shepherd)

बीगल (Beagle)

पोमेरेनियन (Pomeranian)

ग्रेट डेन (Great Dane)

शिह त्जू (Shih Tzu)

पूडल (Poodle)

डॉबरमैन (Dobermann)

ऊपर लिखे भारतीय घरों में पाले जाने वाले कुछ डॉग फैमिलियर भी हैं और आक्रामक भी। इसलिए इन्हें ट्रेनिंग देते वक्त कुछ बातों का ख्याल जरूर रखें…

जर्मन शेफर्ड: यह लैब्राडोर के बाद सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले डॉग हैं। ये समझदार, बुद्धिमान और बहुत वफादार होते हैं, लेकिन इनका नेचर आक्रामक भी होता है।

रोजाना घुमाने ले जाएं ताकि ये दूसरे लोगों से मिल सकें। ये अजनबियों को देखकर जल्दी आक्रामक हो जाते हैं। इसलिए इनका दूसरों से मिलना-जुलना काफी जरूरी है।

जब भी आप इन्हे कुछ खाने को दें और यह खाने के लिए जम्प करें या झपटें, तो आपको तुरंत हाथ पीछे करना है और उसे डाटना हैं। इस आदत से ये आपको नुकसान पहंचा सकते हैं।

डॉग जब खुश होते हैं तो यह आपके हाथों व पैरो को अपने मुंह से काटते, जिसे प्ले बाइटिंग कहते हैं। जब भी आपका डॉग ऐसा करे तो आप इसके गले पर बंधे पट्टे से कंट्रोल करें और कमांड दें कि ऐसा मत करो।

पोमेरेनियन: यह भी लैब्राडोर की तरह फ्रेंडली होते हैं, लेकिन कुछ सिचुएशन में आक्रामक हो सकते हैं और काटने की कोशिश भी कर सकते हैं। जैसे-

किसी चीज से डर जाना

तेज आवाज से घबराहट के कारण

अजनबियों पर भौंकना

तबीयत खराब हो या चोट लगी हो।

पोमेरेनियन आक्रामक हो तो नीचे लिखी बातों को फॉलो करें…

कुछ पोमेरेनियन खेलते वक्त पंजे मारते हैं या आक्रामक होते हैं। ऐसी सिचुएशन में खेलना बंद कर दें। ताकि उसे एहसास हो कि उसका बिहेवियर ठीक नहीं है।

जब वो आक्रामक हो तो उससे कुछ देर के लिए बात करना बंद कर दें और शांत हो जाएं। वो थोड़ी देर बाद खुद ही शांत हो जाएगा।

उसे जिद्दी न बनने दें। बाहर ले जाएं, लेकिन बारिश हो या ज्यादा धूप हो तो उसे घर के अंदर खेलने की आदत लगवाएं।

इससे वो किसी चीज के लिए आक्रामक तरीका नहीं अपनाएगा।

डॉबरमैन: ये काफी एक्टिव, बुद्धिमान, वफादार और सर्तक रहने वाली ब्रीड है, लेकिन ये आक्रामक भी होते हैं।

अगर आप समझदार डॉबरमैन की चाह रखते हैं तो इन्हें ट्रेनिंग देने का समय तय कर लें। शाम, सुबय या फिर दोपहर।

अगर आपने टाइम में कोई हेर-फेर किया तो ये आक्रामक हो सकते हैं।

अपने डॉग को जरूरत से ज्यादा डिसिप्लीन में न रखें, इससे वो आक्रामक बन सकते हैं।

लैब्राडोर: यह डॉग की सबसे फ्रेंडली और फैमलियर ब्रीड है। ये आक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लैब्राडोर कभी-कभी आक्रामक हो जाते हैं। इसके पीछे कारण हैं।

अगर लैब्राडोर को चोट लगी है और उन्हें दर्द हो रहा है। तो वो आक्रामक हो सकते हैं।

अगर उन्हें अंधेरे कमरे में बांध कर रख दिया गया है तो वो आक्रामक हो सकते हैं।

इसलिए अपने डॉग को अकेले किसी अंधेरे कमरे में न बांधे, चोट लगने पर उसका इलाज करवाएं। उसके साथ खेलें, उसे घुमाएं और एक्सरसाइज करवाएं।

आजकल बहुत से लोग पालतू जानवरों को पालते हैं। ऐसे लोग ये pet laws जरूर पढ़ लें…

Resident Welfare Association अपार्टमेंट में पालतू जानवर पालने पर बैन नहीं लगा सकते हैं।

पालतू जानवरों के मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अगर उनके पालतू जानवर गंदगी करते हैं तो उसे वो साफ करवाएं या करें।

Apartment Owner Associations पालतू जानवरों की गंदगी की सफाई के लिए कोई जुर्माना नहीं लगा सकते हैं।

कुत्ते का भौंकना, उसका नेचर है। इसकी वजह से कुत्ते पर बैन नहीं लगाया जा सकता है।

कहीं घुमाने ले जाएं तो गले में पट्टा डालकर जरूर रखें। लिफ्ट को पालतू जानवरों के लिए बैन नहीं किया जा सकता है।

अब चलिए कुछ ऐसी सिचुएशन से जुड़े सवालों के जवाब जानते हैं, जिसमें लोग अक्सर फंस सकते हैं या फंस जाते हैं…

हालत नंबर: 1

लिफ्ट में, सीढ़ियों पर, पड़ोस वाली आंटी- अंकल के घर या किसी भी जगह पालतू कुत्ता काटने की कोशिश करता है, तो उससे कैसे बचें?

कुछ लोगों कहीं भी किसी पालतू कुत्ते को देखकर कहते हैं कि ओ मॉय गॉड, द डॉग इज सो क्यूट और तुरंत उसके पास चले जाते हैं। उसके माथे को सहलाते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। पहले मालिक से पूछ लें कि उनका कुत्ता फ्रेंडली है या नहीं।

लिफ्ट में या किसी भी जगह पर कुत्ते को देखकर अचानक उछले-कूदें नहीं। ऐसा करने से उसे लग सकता है कि आप उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे।

कुत्ते को टहलाने या घुमाने कोई मजबूत इंसान लेकर जाए यानी घर के बच्चे या बुजुर्ग के सहारे अपने पालतू कुत्ते को बाहर न भेजें।

पेट पेरेंट के लिए सलाह

दूसरों को पालतू कुत्ता न काटे, इसका ख्याल कुत्ते के मालिक को रखना होगा।

मालिक कोशिश करें कि अपने कुत्ते को सोशल रहने की ट्रेनिंग दें।

उसे घुमाएं-फिराएं, लोगों से बातचीत करवाएं। ताकि जब वो किसी भी अंजान से मिले, तो डर के काटने की कोशिश न करे।

कुत्ते को घुमाने ले जाएं, लिफ्ट में ले जाएं या कहीं भी ले जाएं, तो ऐसे बांधे कि वो छूटे नहीं।

मालिक कुत्ते को अपने करीब रखें। उसकी रस्सी को ज्यादा लूज न छोड़ें।

हालत नंबर: 2

किसी गली में, मेन रोड में या कैम्पस के अंदर स्ट्रे डॉग दौड़ाए या काटने की कोशिश करे, तो कैसे बचें?

फैज मोहम्मद खान के अनुसार, अगर बाइक पर हैं, तो कोशिश करें कि तेजी से वहां से निकल जाएं। रुकने की वजह से वो अटैक कर सकता है। देश में मौजूद हर कुत्ते के मूड की गारंटी हम नहीं ले सकते हैं।

नगरपालिका की जिम्मेदारी है कि वो स्ट्रे डॉग को रिलोकेट करें। उनकी बर्थ को कंट्रोल करें। इसके लिए काफी फंडिंग आती है।

पैदल जाते वक्त ऐसी सिचुएशन है, तो घबराकर दौड़ने या भागने की भूल न करें। कॉन्फिडेंस के साथ वहां से निकलें। कुत्ते आपके ऊपर अटैक करने की कोशिश करते हैं, तो उन पर चिल्लाएं या पत्थर दिखाकर डराएं। ज्यादातर कुत्ते इससे दूर चले जाते हैं। अगर नहीं जाते हैं, तो दूसरे रास्ते से निकल जाएं या वापस लौट जाएं। यही सुरक्षित तरीका है। थोड़ी देर बाद किसी की मदद लेकर वहां से निकलें।

हालत नंबर: 3

आपके साथ छोटा बच्चा है या आप खुद हैं और कोई कुत्ता काट दे, तब क्या करना चाहिए?

बच्चा है, तो उसे घर लेकर जाएं। आपको कुत्ते ने काटा है, तो आप भी घर जाएं।

नल में पानी चलाएं और जिस जगह पर कुत्ते ने काटा है, उसे पानी से धोएं।

इससे ब्लड जमेगा नहीं। कुत्ते के काटने पर जो वायरस शरीर में गया है, वो कई हद तक बाहर निकल जाएगा।

थोड़ी देर बाद उस जगह पर साबुन लगाकर पानी से धोएं। खून बाहर निकलने दें। 15-20 मिनट तक ऐसा करें।

अब उसे जगह को साफ कपड़े से पोछें और किसी तरह का क्रीम न लगाएं।

सीधे नजदीकी डॉक्टर या हेल्थ केयर सेंटर पर जाएं। डॉक्टर से इलाज करवाएं।

कुत्ते पर नजर रख सकते हैं, तो 10 दिन तक रखें। अगर उसे रेबीज होगा, तो वो 10 दिन के अंदर मर जाएगा। नहीं होगा, तो जिंदा रहेगा।

कुत्ते के मरने की बात डॉक्टर को जरूर बताएं। इलाज में ये बात काम आएगी।

सवाल: कुत्तों को पालने के लिए हमें क्या सावधानी रखनी चाहिए?

उसके सोने से लेकर खाने तक जगह को साफ-सुथरा रखें।

हमेशा फ्रेश पानी ही पिलाएं, इससे वो जल्दी बीमार नहीं पड़ेगा।

समय-समय पर वेटनरी डॉक्टर से अपने कुत्ते की जांच करवाते रखें।

हाइट और ब्रीड के हिसाब से कुत्ते का वजन होना चाहिए।

वो आलसी न बने, इसके लिए उसे एक्सरसाइज जरूर करवाएं।

उससे बातचीत करें, इससे आपके और आपके कुत्ते के बीच अच्छा रिलेशन बनेगा।

हमेशा उनके बाल और नाखूनों की कटिंग करवाते रहें।

डॉग खरीदते वक्त इन बातों का ध्यान रखें

पेट शॉप की जगह एथिकल डॉग ब्रीडर से ही कुत्ता खरीदें।

प्योर ब्रीड डॉग लें, क्रॉस ब्रीड डॉग खतरनाक होते हैं।

क्लब सर्टिफिकेशन और माइक्रो चिप चेक करें, यही बताती हैं कि उसकी फैमिली हिस्ट्री क्या है और वह इंसान के लिए सेफ है या नहीं।

वैक्सीनेशन का ध्यान रखें। प्रॉपर फूड दें, अंधेरे में डॉग को न रखें, सोशलाइज करें।

नगर निगम का सर्टिफिकेट लोग रखते नहीं पर रखना चाहिए।

एक्सपर्ट स्ट्रीट डॉग को खाने देने वालों लोगों को सलाह देते हैं कि, वो इन कुत्तों को रोड पर खाना न दें। बल्कि अपने घर के अंदर एक पालतू कुत्ते की तरह रखें और खाना दें। क्योंकि इनके बच्चों को आप बचपन में खाना दे देते हैं। फिर जब ये बड़े होते हैं, तो उस रोड में आने-जाने वाले लोगों को परेशान कर सकते हैं। इसलिए अगर आपको स्ट्रीट डॉग से प्यार है, तो उन्हें रोड पर न छोड़ें बल्कि घर पर प्यार से रखें।

गुजरात के सूरत का एक कुत्ते के काटने का वीडियो काफी वायरल हुआ। CCTV में दिख रहा है कि बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही है। तभी पीछे से एक कुत्ता उस पर हमला कर देता है। बच्ची बचने की पूरी कोशिश करती है, लेकिन कुत्ते ने उसे इतनी बुरी तरह जकड़ लिया कि वह कुछ भी नहीं कर पाती। बच्ची की चीख सुनकर उसकी मां आती है, वह कुत्ते से बच्ची को छुड़ाती है। जैसे ही वह अपनी बेटी को लेकर वापस जाने लगती है, पीछे से कुत्ता महिला पर भी हमला कर देता है, लेकिन महिला उसे भगा देती है। इस हमले में बच्ची को गंभीर चोटें आई थी।

गाजियाबाद की एक सोसाइटी की लिफ्ट में पालतू कुत्ते ने बच्चे को काट लिया। बच्चा लिफ्ट में रोता रहा, दर्द से कराहता रहा, लेकिन कुत्ते की मालकिन चुपचाप खड़ी देखती रही। राजनगर एक्सटेंशन में हुई इस घटना के बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। सोसाइटी के रेजिडेंट्स ने कहा, "लिफ्ट में पालतू कुत्तों को लाना-ले जाना बंद किया जाए।"

राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर में रहने वाले एक युवक को पालतू कुत्ते ने प्राइवेट पार्ट में काट लिया। ब्लीडिंग होने की वजह से 2 दिन तक वह KGMU में भर्ती रहा। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद युवक ने कुत्ते के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज कराई। शनिवार दोपहर नगर निगम की टीम कुत्ते को उठा ले गई। मालिक शिव शंकर पांडेय को कृष्णा नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर किया।

गाजियाबाद के संजय नगर सेक्टर-23 में 10 साल के बच्चे को पालतू पिटबुल कुत्ते अचानक झपट लिया। बहुत कोशिश के बाद बच्चे को बचाया गया। बच्चे को डॉक्टरों ने कान और चेहरे पर 150 टांके लगाए।

गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में एक बच्चे पर कुत्ते ने लिफ्ट में ही हमला कर दिया। कुत्ते की मालकिन वहीं खड़ी रही और उसने बच्चे को डांटती रही।

दो पिटबुल कुत्तों ने बेंगलुरु में एक सात साल के बच्चे को इस कदर नोचा कि उसे 58 टांके लगाए गए।

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