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IED केस: जांच में स्पेशल सेल के हाथ लगा बड़ा सुराग, पढ़े लेटेस्ट अपडेट

jantaserishta.com
21 Feb 2022 6:21 AM GMT
IED केस: जांच में स्पेशल सेल के हाथ लगा बड़ा सुराग, पढ़े लेटेस्ट अपडेट
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नई दिल्ली: दिल्ली के गाजीपुर और सीमापुरी से जुड़े IED मामले में जानकारी मिली है कि संदिग्धों ने सीमापुरी में किराए का मकान लेते वक्त मकान मालिक को बताया था कि वो उत्तर प्रदेश से पढ़ाई करने के लिए आए हैं. ऐसे में पुलिस सूत्रों के मुताबिक तीनों संदिग्ध आतंकियों के उत्तर प्रदेश की तरफ ही फरार होने का शक है. बता दें कि 14 जनवरी को गाजीपुर फूल मंडी में जहां IED प्लांट की गई थी वहां से यूपी बोर्डर सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है.

संदिग्धों के फ्लैट से महज 100 मीटर दूर यूपी बॉर्डर
वहीं दिल्ली के सीमापुरी में जहां संदिग्ध आतंकियों ने फ्लैट लिया था उस फ्लैट से यूपी बोर्डर सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर है. ऐसे में स्पेशल सेल के अधिकारियों ने आंशका जताई है कि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर एक खास प्लान के तहत गाजीपुर में IED प्लांट किया गया ताकि धमाके के बाद आरोपी दिल्ली बॉर्डर क्रॉस करके यूपी की तरफ भाग जाएं और एजेंसी उन्हें आसानी से पकड़ ना पाए.
दिल्ली दहलाने का था प्लान
स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का स्लीपर सेल की मदद से दिल्ली को दहलाने का प्लान था. तीनों ही संदिग्ध आतंकी बेहद शातिर हैं. गाजीपुर में IED प्लांट करने के बाद उन्होंने मोटरसाइकिल को दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में खड़ा कर दिया और उसके बाद सीमापुरी फ्लैट में जाकर अपना सामान उठाया और फरार हो गए.
स्पेशल सेल की टीम ने सीसीटीवी की मदद से मेट्रो स्टेशन पर खड़ी बाइक और फ्लैट को 15 दिन पहले लोकेट कर लिया था और दोनों जगहों पर सादी वर्दी में टीम लगाई गई थी लेकिन आतंकी ना तो बाइक लेने आए और ना दोबारा फ्लैट पर आए, जिसके बाद फ्लैट पर रेड करके स्पेशल सेल ने तलाशी ली और IED को बरामद किया.
फ्लैट पर भी मिली IED
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दिल्ली के सीमापुरी इलाके में गुरुवार को किराए के उसी फ्लैट की तलाशी ली, जहां एक संदिग्ध बैग मिला. इसमें भी IED होने की पुष्टि की गई.
जानकारी के मुताबिक एनएसजी ने बैग से मिले IED को निकाल कर एक दूसरे बैग में शिफ्ट किया और बाद में उसे दिलशाद गार्डन ब्लॉक में डिस्ट्रिक्ट पार्क में करीब 8 फुट गहरे गड्ढे में ब्लास्ट करके डिस्पोज ऑफ किया गया. IED को गहरे गड्ढे में डिस्पोज किया गया इसलिए ज्यादा आवाज नहीं आई.
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