IAS टॉपर शुभम कुमार ने साझा किया ट्वीटर की असली ID, फर्जी अकाउंट से था परेशान
पटना. UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा के टॉपर शुभम कुमार ( (Shubham Kumar UPSC topper)) को विधान परिषद में सम्मानित किया गया. सभापति अवधेश नारायण सिंह (Chairman Awadhesh Narayan Singh) द्वारा सम्मानित किए जाने के ौदरान कई विधायक और छात्र रहे मौजूद रहे. शुभम ने छात्रों को सफलता के टिप्स तो दिये ही साथ ही संघर्ष के दिनों की बातें भी याद कीं और उपस्थित लोगों के साथ उसे साझा किया. उन्होंने बताया कि एक बिहारी होने के नाते उन्हें दिल्ली में कई दिनों तक मकान देने को भी कोई तैयार नहीं था. हालांकि अब स्थिति बदल गई है और रिजल्ट के बाद सुना है कि बिहारियों के लिए डिस्काउंट ऑफर चल रहा है. उन्होंने छात्रों को लगातार मेहनत और लक्ष्य पर बने रहने की सलाह दी. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एक खास बात बताई जो सभी के लिए जानना जरूरी है क्योंकि शुभम कुमार भी यूपीएससी टॉप करने के बाद एक सेलिब्रेटी बन गए हैं और उनके नाम से भी कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बन गए हैं.
दरअसल यूपीएससी परीक्षा में देशभर में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले बिहार के शुभम कुमार के नाम से उनकी तस्वीर के साथ सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर कई फर्जी अकाउंट बन गए हैं. इतना ही नहीं जिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वह नहीं हैं उस पर भी उनके नाम से अकाउंट चल रहे हैं. शुभम कुमार ने साफ किया कि उनका सिर्फ एक ही अकाउंट है @SHUBHAMKR_IAS, बाकी सभी फर्जी नाम से चल रहे हैं.
शुभम कुमार ने बताया कि वे ट्विटर पर हैं और उनके सिर्फ साढ़े तीन हजार तक फॉलोअर्स हैं. लेकिन, उनके नाम से जो फर्जी अकाउंट चल रहा है उस पर काफी अधिक फॉलोअर्स हैं. शुभम ने बताया कि वह फेसबुक और यूट्यूब पर नहीं हैं. ऐसे में उनके नाम से नाम के जो पेज बने हैं वे कोई दूसरे व्यक्ति हैं जो खुद ही पब्लिसिटी करने में जुटे हैं. बता दें कि बिहार से आने वाला कोई छात्र 20 साल बाद आईएएस परीक्षा का टॉपर बना है. इससे पहले वर्ष 2001 में आलोक रंजन झा टॉपर बने थे, जबकि 1997 में गया के सुनील कुमार बरनवाल ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया था. 1987 में आमिर सुबहानी ने टॉप किया था, जो अभी बिहार के विकास आयुक्त हैं. दो दशक की प्रतीक्षा के बाद बिहार के इस लाल की उपलब्धि पर आम से लेकर खास, सभी बेहद उत्साहित हैं और शुभम को सम्मानित किए जाने का क्रम भी लगातार जारी है.