भारत

IAS की Success Story: इंग्लिश न आने पर कॉलेज में उड़ा था मजाक...पढे पूरी खबर

Admin2
23 Nov 2020 2:55 PM GMT
IAS की Success Story: इंग्लिश न आने पर कॉलेज में उड़ा था मजाक...पढे पूरी खबर
x

हर किसी के लिए कॉम्पिटीटिव एग्जाम पास करना आसान नहीं होता लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की लड़की ने इस मुश्किल काम को भी आसान कर दिखाया है। हम बात कर रहे हैं आईएएस सुरभि गौतम, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और कड़ी तपस्या से ना सिर्फ इस एग्जाम को पास किया बल्कि लड़कियों के लिए प्ररेणा भी बनी। चलिए आपको बताते हैं सुरभि की इंस्पायरिंग स्टोरी...

साल 2016 में सिविल सर्विसेज में ऑल इंडिया एग्जाम में 50वां रैंक प्राप्त करने वाली सुरभि मध्य प्रदेश, सतना जिले के अमदरा गांव की रहने वाली है। उनके पिता MP मईहर कोर्ट में वकील और मां हाई स्कूल में टीचर हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा ऐसे शिक्षा हिंदी मीडियम स्कूल से की, जहां मूलभूल सुविधाएं, बिजली और किताबें भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थी।

मगर, अपनी लगन से उन्होंने 10वीं क्लास में 93.4% प्राप्त किए। यही नहीं, उन्होंने मैथ्य और साइंस में 100 अंक प्राप्त किए। अच्छे नंबर की वजह से उनका नाम स्टेट मेरिट लिस्ट में भी शामिल हुआ था। हालांकि जब वह 12वीं की पढ़ाई कर रही थी तो उन्हें Rheumatic फीवर ने जकड़ लिया। इसकी वजह से उन्हें 15 दिन तक 15 कि.मी तक माता-पिता के साथ चेकअप के लिए जाना पड़ता था लेकिन फिर भी पढ़ाई से सुरभि का फोकस नहीं हटा।

12वीं के बाद उन्होंने स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा भी अच्छे नंबर से पास की। इसके बाद उन्होंने भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन्स में एडमिशन लिया, जहां उनकी दुनिया बिलकुल बदली गई। कॉलेज में उन्होंने देखा कि यहां ज्यादातर बच्चे इंग्लिश मीडियम से थे जबकि उन्होंने हिंदी मीडियम से अपनी पढ़ाई की। शुरूआत में उन्हें हीन भावना का भी शिकार होना पड़ा लेकिन उन्होंने सिर्फ अपनी पढ़ाई पर फोकस किया और अपनी इंग्लिश भी इम्प्रूव की।

वह हर दिन कम से कम 10 वर्ड मीनिंग याद करती थी और उसे दिन में कई बार दोहराती थी। याद रखने के लिए वह दीवारों पर भी मीनिंग लिखती थी। उनपर इंग्लिश सीखने का क्रेज इस कदर चढ़ चुका था कि वह सपनों में भी अंग्रेजी में बात करने लगी थी। नतीजन उन्होंने फर्स्ट सेमेस्टर में ही टॉप कर लिया। यही नहीं, इसके लिए उन्हें खुद कॉलेज के चांसलर ने अवार्ड दिया।

अपने मुकाम तक पहुंचने के लिए सुरभि ने खुद को हर लालच से दूर रखा। यहां तक कि वह अपने दोस्तों के साथ फिल्म या घूमने जाने की बजाए पढ़ाई पर फोकस करती थी। उनके दिमाग में सिर्फ अपने सपने पूरे करने का जुनून था। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर भी काम किया।

कॉलेज प्लेसमेंट के दौरान ही सुरभि ने TCS (Tata Consultancy Services) में नौकरी प्राप्त कर ली लेकिन वह कुछ अलग करना चाहती थी इसलिए उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद उन्होंने ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC और दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाएं दी। यही नहीं, उन्होंने अच्छे नबंर से सभी एग्जाम को क्रैक भी किया।

इसके बाद साल 2013 में उन्होंने IES परीक्षा क्रैक की, जिसमें वह पूरे भारत में फर्स्ट रैंक पर आईं। मगर, वह IAS बनना चाहती थी इसलिए उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी। आखिरकार 2016 में उन्होंने IAS के एग्जाम भी क्रैक कर लिए और आज वह एक IAS अधिकारी हैं।

सुरभि को सिर्फ पढ़ाई-लिखाई ही नहीं बल्कि पेटिंग का भी काफी शौक है। वह बहुत अच्छी पेटिंग बनाने के साथ कविताएं भी लिखती हैं। इसके अलावा वह स्केचिंग, रंगोली, कढ़ाई-बुनाई में भी माहिर हैं।




Next Story